News

India Has Always Been Hindu Rashtra, No Need To Establish One: RSS Leader Dattatreya Hosabale – भारत हमेशा से हिंदू राष्ट्र है, ऐसा बनाने की कोई जरूरत नहीं : RSS नेता दत्तात्रेय होसबाले



होसबाले ने कहा, ‘‘भारत पहले से हिंदू राष्ट्र है और भविष्य में भी ऐसा बना रहेगा. डॉ हेडगेवार (आरएसएस के संस्थापक) ने कभी कहा था कि देश में जब तक हिंदू हैं, यह देश हिंदू राष्ट्र है. संविधान, राज्य व्यवस्था के बारे में बात करता है, जो अलग चीज है. एक राष्ट्र के रूप में, भारत हिंदू राष्ट्र था, है और बना रहेगा.”

वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि ‘‘भारत हिंदू राष्ट्र कब बनेगा.” उन्होंने कहा कि देश की एकता के बारे में सोचना और समाज की बेहतरी के लिए कुछ वक्त देना ‘हिंदुत्व’ है.

उन्होंने कहा, ‘‘आरएसएस लोगों को यह महसूस कराने के लिए काम करता है कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है. इस तरह, हिंदू राष्ट्र बनाने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि भारत पहले से ऐसा है. आरएसएस यही मानता है.”

आरएसएस महासचिव (सरकार्यवाह) ने दावा किया कि देश के समक्ष एक मुख्य चुनौती इसे ‘उत्तर बनाम दक्षिण’ के आधार पर बांटना है.

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग अब कह रहे हैं कि दक्षिण भारत, उत्तर भारत से अलग है. दक्षिण (को शेष भारत) से अलग करने के लिए यह दावा करते हुए राजनीतिक और बौद्धिक स्तर पर साजिश रची जा रही है कि वे द्रविड़ हैं और उनकी भाषा भी अलग है. लोगों को इसका विरोध करने के लिए आगे आना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसे लोग सफल ना हों.”

होसबाले ने कहा कि जैसा कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने पिछले महीने विजयादशमी पर अपने भाषण में उल्लेख किया था कि ‘‘सांस्कृतिक मार्क्सवाद और सामाजिक व राजनीतिक अन्याय के प्रति संवेदनशील लोगों का व्यवहार एवं रुख” देश के समक्ष एक और चुनौती है.

उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के 22 जनवरी को उद्घाटन से पहले, आरएसएस कार्यकर्ता इस अवसर पर देश के लोगों को वहां आमंत्रित करने के लिए एक जनवरी से 15 जनवरी तक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाएंगे, जिसके तहत वे घर-घर जाएंगे.

उन्होंने कहा कि यहां आरएसएस की बैठक में, पाकिस्तान से लगी सीमा वाले कच्छ जिले के गांवों सहित सीमावर्ती गांवों से हिंदुओं के पलायन पर भी चर्चा किया गया.

उन्होंने कहा, ‘‘हमने सीमावर्ती गांवों में विकास और सुरक्षा पर चर्चा की. लोग इन गांवों में सुविधाओं का अभाव होने के चलते कहीं और पलायन कर रहे हैं. धर्मांतरण भी वहां रहे हैं. हम इन मुद्दों पर गौर कर रहे हैं. सीमा के नजदीक देशभक्त लोगों की मौजूदगी देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है.”

‘लव जिहाद’ के मुद्दे पर, आरएसएस नेता ने कहा कि इस मुद्दे के दो पहलू हैं–लोगों को जागरूक करना और कानूनी लड़ाई लड़ना. उन्होंने कहा कि आरएसएस उन महिलाओं के पुनर्वास पर भी काम कर रहा है, जिन्होंने इस तरह के संबंधों से खुद को मुक्त कर लिया है लेकिन उनके परिवारों ने उन्हें स्वीकार नहीं किया है.

दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों ने यह दावा करने के लिए ‘लव जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल किया कि हिंदू महिलाओं को अंतर-धार्मिक विवाहों के जरिये मुस्लिम बनाया जा रहा है.

होसबाले ने कहा कि आरएसएस की बैठक के दौरान, आमंत्रित सदस्यों ने संघ की विस्तार योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की, क्योंकि संघ ने 2025 में अपने शताब्दी समारोहों से पहले देश में सभी 59,060 मंडलों में शाखा खोलने का लक्ष्य रखा है. वर्तमान में, करीब 38,000 मंडलों में इसकी 95,000 शाखाएं हैं.

होसबाले के अनुसार, देश भर से संघ के 357 नेताओं ने बैठक में हिस्सा लिया.

ये भी पढ़ें :

* “धर्म सबको जोड़ता है, धर्म किसी को अलग नहीं करता” : RSS प्रमुख मोहन भागवत

* “2024 चुनाव से पहले भावनाएं भड़काकर वोट हासिल करने वालों से रहें आगाह”: मोहन भागवत

* “समस्याएं सुलझाने के लिए दुनिया आज भारत की तरफ देख रही”: विजयदशमी उत्सव में मोहन भागवत

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *