India China Dispute AIMIM Chief Asaduddin Owaisi Reaction On S Jaishankar Claim china has not occupied Indian Land | India-China Dispute: एस. जयशंकर का दावा- चीन ने नहीं हथियाई भारत की जमीन, असदुद्दीन ओवैसी बोले
Asaduddin Owaisi On S Jaishankar Claim: भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर एक तरफ जहां दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव 2024 का मुद्दा भी बन गया है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बीते दिन शुक्रवार (12 अप्रैल) को कहा था कि चीन ने भारत की जमीन पर एक इंच भी कब्जा नहीं किया है. उनके इस बयान पर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि लोगों को गुमराह करने के लिए ये शब्दों का खेल खेला जा रहा है.
दरअसल, एआईएमआईएम चीफ ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) एक अंग्रेजी वेबसाइट का लिंक शेयर किया जिसमें एस जयशंकर के बयान का जिक्र किया गया. उन्होंने कहा, “ये मंत्री लोगों को गुमराह करने के लिए शब्दों का खेल खेल रहे हैं. लेह एसपी की रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि हमारे सैनिक लद्दाख के 65 पेट्रोलिंग पॉइंट्स में से 26 पर जाने में असमर्थ हैं. क्या यह चीनियों द्वारा क्षेत्र पर भारतीय नियंत्रण से इनकार नहीं है?”
‘क्या देपसांग में भारतीय सैनिकों को नहीं रोक रहा चीन’
उन्होंने सवाल करते हुए आगे कहा, “क्या चीन देपसांग में भारतीय सैनिकों को नहीं रोक रहे हैं ताकि हम उन क्षेत्रों में गश्त नहीं कर सकें जहां 2020 तक गश्त की जा रही थी? क्या यह क्षेत्र का नुकसान नहीं है? हम चीनियों से सैन्य और कूटनीतिक तौर पर बात क्यों कर रहे हैं? ये सरकार सच्चाई छिपाती रही है. इसने संसद में मेरे सवालो का जवाब देने से इनकार कर दिया और इस मुद्दे पर कोई बहस नहीं की. अगर छिपाने के लिए कुछ नहीं है तो पत्रकारों को पूर्वी लद्दाख में फ्रंटलाइन में क्यों नहीं ले जाया जाता जैसा कि कारगिल में लिया गया था?”
‘पूर्वी लद्दाख में भारत ने अपना कंट्रोल खो दिया’
हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने कहा, “मामले का तथ्य यह है कि 2020 के बाद से, भारत ने पूर्वी लद्दाख में चीन के हाथों क्षेत्र का नियंत्रण खो दिया है. हमारे सैनिक कई क्षेत्रों में गश्त करने में असमर्थ हैं और न तो जयशंकर और न ही उनके बॉस चीनियों से यथास्थिति पर लौटने के लिए कह रहे हैं. यह दावा करें कि देपसांग, डेमचोक और अन्य जगहों पर कोई समस्या नहीं है. भारत तब स्थायी रूप से लद्दाख में क्षेत्र का नियंत्रण खो देगा. यह मंत्री के भ्रामक बयानों की कीमत है.”