india china army disengagement from ladakh border patrolling in arunachal pradesh yangtse
India China Border News: भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और डेपसांग मैदानी क्षेत्रों में टकराव वाले दो बिंदुओं से सैनिकों की वापसी शुरू कर दी है और यह प्रक्रिया 28-29 अक्टूबर तक पूरी होने की संभावना है. कुछ दिन पहले दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास से सैनिकों की वापसी और गश्त को लेकर समझौता हुआ था जो चार साल से अधिक समय से जारी गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ी सफलता है.
LAC पर शुरू होगी पेट्रोलिंग
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद टकराव वाले दोनों बिंदुओं पर गश्त शुरू होगी और दोनों पक्ष अपने-अपने सैनिकों को हटाकर अस्थायी ढांचों को नष्ट कर देंगे. बताया जा रह है कि 31 अक्टूबर 2024 तक एलएसी पर पेट्रोलिंग भी शुरू हो जाएगी. भारत और चीन के सैनिकों की पीछे हटने की प्रक्रिया 28-29 अक्टूबर तक पूरी हो जाएगा.
अरुणाचल के इस क्षेत्र में होगी पेट्रोलिंग
भारत और चीन के बीच बॉर्डर की लड़ाई सिर्फ लद्दाख में ही सीमित नहीं है, बल्कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले का यांग्त्से इलाका भी दोनों देशों के लिए विवाद का जगह रहा है. मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों देशो के बीच पेट्रोलिंग के लिए जो आपसी सहमति बनी है, उसमें तवांग जिले का यांग्त्से इलाका भी शामिल है. बताया जा रहा है कि चीन के सैनिकों को इस क्षेत्र में गश्त करने की अनुमति दी जाएगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 23 अक्टूबर 2024 को रूस के कजान में ब्रिक्स सम्मेलन से इतर अपनी द्विपक्षीय बातचीत में पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास से सैनिकों की वापसी और गश्त को लेकर हुए समझौते का समर्थन किया था. पूर्वी लद्दाख के विवाद को लेकर भारत के रुख का जिक्र करते हुए विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने द्विपक्षीय बैठक के बाद कजान में कहा था कि सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन चैन बहाल होने से द्विपक्षीय संबंधों के सामान्य होने का रास्ता मिलेगा. (इनपुट एजेंसी से भी)
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