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India BrahMos Next-Gen Cruise Missile Developed With Russia Trials By 2025 increased tension of Pakistan china


भारत की सैन्य ताकत बढ़ने के लिहाज से 2025 का साल काफी अहम माना जा रहा है. 2025 में भारत की नेक्स्ट जेनरेशन क्रूज मिसाइल क्षमता में इजाफा होने जा रहा है. दरअसल, भारत 2025 के अंत तक रूस के साथ BrahMos-NG इंडो रसियन क्रूज मिसाइल की फ्लाइट टेस्टिंग शुरू करने जा रहा है. 

ब्रह्मोस एक्सपोर्ट के निदेशक प्रवीण पाठक ने 8 फरवरी को खत्म हुए वर्ल्ड डिफेंस शो में इसकी जानकारी दी. पाठक ने बताया कि फ्लाइट टेस्ट के लिए नए ब्रह्मोस-एनजी रॉकेट के सैंपल इकट्ठा किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इसकी लॉन्चिंग 2025 के अंत में या 2026 की शुरुआत में होगी. 

ये ऐलान ऐसे वक्त पर आया, जब भारत-रूस के बीच 7 अरब डॉलर की डील हुई है और यह मिसाइल भारत और रूस का संयुक्त उद्यम है. पाठक ने बताया, ब्रम्होस के ऑर्डर का पोर्टफोलियो पहले ही 7 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है, जिसमें भारतीय और निर्यात दोनों ऑर्डर हैं. 

भारत की सबसे ताकतवर मिसाइल है ब्रह्मोस

बम्होस भारत की ताकतवर मिसाइलों में से एक है और भारतीय सेना लंबे समय से इसका इस्तेमाल कर रही है. इसका नाम भारत की ब्रह्मपुत्र नदी और रूस की मोस्कवा नदी से जुड़कर बना है. बम्होस को भारत और रूस ने मिलकर विकसित किया. भारत चीन और पाकिस्तान के खतरे को देखते हुए रॉकेट के कॉम्पैक्ट संस्करण को विकसित करने की दिशा में काम कर रहा है. अब भारत और रूस ने मिलकर ब्रह्मोस एनसी पर काम शुरू कर दिया है. इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये दुश्मन के रडार में नहीं आएगी. यानी ये मौजूदा मिसाइल का गुप्त और हल्का वैरिएंट है. 

पुरानी ब्रह्मोस से कितनी अलग है ब्रह्मोस एनसी

BrahMos-NG पुरानी ब्रह्मोस से करीब 50 प्रतिशत हल्की है. इतना ही नहीं यह तीन मीटर छोटी भी है. हालांकि, इसकी रेंज पुरानी के बराबर यानी 290 किलोमीटर ही है. पिछले साल फरवरी में ब्रह्मोस के सीईओ ने बताया था कि इसे एयरफोर्स के स्वदेशी LCA तेजस विमान में फिट किया जाएगा. एलसीए तेजस के लिए विकसित नई ब्रह्मोस-एनजी विमान की लड़ाकू क्षमता में काफी वृद्धि करेगी. शुरुआत में इसे रूस में निर्मित फाइटर जेट में लगाया जाएगा. बाद में इसे तेजस के लिए अपडेट किया जाएगा. Su-30 MKIs में चार ब्रह्मोस एनजी लगाई जा सकती हैं, जबकि तेजस में दो ब्रह्मोस एनजी इस्तेमाल की जा सकेंगी. 



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