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India Boosting Special Forces Capabilities For Covert Warfare Know Details


Special Forces: भारत अपनी स्पेशल फोर्सेज को और मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है. इसलिए विशेष बलों की कोवर्ट क्षमताओं को बढ़ावा दिया जा रहा है. ये फोर्सेज दुश्मन के इलाके में छिपकर उनका निपटारा कर सकती हैं और आतंकवाद से भी लड़ सकती हैं. इन्हें खास तकनीक सिखाई जा रही है और ट्रेनिंग दी जारी है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इन फोर्सेज को उन्नत हथियारों से लेकर नेक्स्ट जेनरेशन कम्युनिकेशन सिस्टम तक जैसे चुनौतियों से कैसे निपटना है, इसकी ट्रेनिंग दी जा रही है. भारत के विशेष बलों के पास अब दुनिया के कुछ सबसे उन्नत सैन्य उपकरण हैं, जिससे उनकी गुप्त ऑपरेशन करने की क्षमता बढ़ गई है.

इन लेटेस्ट हथियारों से लैस से हैं स्पेशल फोर्सेज

लोइटरिंग म्यूनिशन सिस्टम के शामिल होने से सटीक निशाना लगाने की क्षमता में इजाफा हुआ है, जबकि नैनो ड्रोन, निगरानी हेलीकॉप्टर और एफएलआईआर (फॉरवर्ड-लुकिंग इंफ्रारेड) पेलोड वाले हल्के ड्रोन सहित नए ड्रोन 10 किलोमीटर तक की दूरी पर अच्छी तरह से निगरानी कर सकते हैं. विशेष बलों को भी अलग-अलग तरह के हथियारों से लैस किया गया है. इनमें फिनिश साको स्नाइपर राइफलें, अमेरिकी एम4ए1 कार्बाइन, इजरायली टीएआर-21 टेवर असॉल्ट राइफलें, स्वीडिश कार्ल गुस्ताफ रॉकेट लांचर और रूसी वीएसएस सप्रेस्ड स्नाइपर राइफलें शामिल हैं.

इसके अलावा, भारत उन्नत लड़ाकू फ्री-फॉल पैराशूट सिस्टम्स की शुरूआत कर रहा है और एकीकृत लड़ाकू डाइविंग किटों की खरीद के साथ यह सुनिश्चित कर रहा है कि विशेष बल हमेशा गुप्त मिशन के लिए तैयार रहें.

समुद्र में भी दुश्मनों के छूटेगे छक्के

रिपोर्ट में कहा गया है कि अपनी समुद्री भूमिका देखते हुए मार्कोस को विशेष उपकरणों जैसे छोटी पनडुब्बियों, पानी के नीचे चलने वाले स्कूटरों, दूर से संचालित विस्फोटक निरोधक वाहनों और पानी पर सामरिक अभियानों के लिए फुलाए जाने वाले नावों से लैस किया गया है. विशेष बलों को विश्व के सबसे कठिन प्रशिक्षणों से गुजरना पड़ता है, जिसमें रिजेक्शन रेट 70-80 प्रतिशत तक होती है.

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