India Begins Quiet Efforts After 8 Indian Navy Veterans Get Death Penalty In Qatar
Qatar News: भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को कतर में मौत की सजा मिलने के बाद से उनके परिजन उन्हें बचाने के लिए सरकार से हर संभव प्रयास करने की अपील कर रहे हैं. वहीं भारत सरकार ने भी कोर्ट के फैसले पर हैरानी जताते हुए हर तरह की कोशिश करनी की बात कही है.
नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों में से एक सुगुनाकर पकाला के रिश्तेदार ने शुक्रवार (27 अक्टूबर) को विशाखापत्तनम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से पूर्व अधिकारियों को रिहा कराने की अपील की.
सुगुनाकर पकाला के साले सी. कल्याण चक्रवर्ती ने वाइजग प्रेस क्लब में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, ”सभी व्यक्ति 50 साल से ज्यादा उम्र के हैं और वे आजीविका के लिए दोहा गए थे. वे जासूसी क्यों करेंगे और उससे उन्हें क्या फायदा होगा? इसलिए मैं भारत सरकार से मेरे जीजा (पकाला) और अन्य लोगों को भारत लाने का अनुरोध करता हूं.”
भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों को 30 अगस्त 2022 को गिरफ्तार किया गया था और उन्हें कतर की एक अदालत ने जासूसी के आरोप में गुरुवार (26 अक्टूबर) को मौत की सजा सुनाई.
‘पश्चिम एशियाई देश में कैद हुए बीते 14 माह’
चक्रवर्ती ने कहा कि पूर्व नौसेना अधिकारी को पश्चिम एशियाई देश में कैद हुए पहले ही 14 महीने बीत चुके हैं. चक्रवर्ती ने यह जानने की मांग कि आखिर अधिकारियों को वापस लाने में और कितना समय लगेगा.
‘साजिश के पीछे भारत और कतर दोनों के शत्रु देश’
चक्रवर्ती ने दावा किया कि कतर के अधिकारियों ने मध्यरात्रि में आठ लोगों को बेबुनियाद आरोपों में उठाया. आरोप लगाया कि इस साजिश के पीछे भारत और कतर दोनों के शत्रु देश हैं.
‘इजरायल के लिए जासूसी की खबरें सरासर गलत और बेबुनियाद’
चक्रवर्ती ने कहा कि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लगातार यही बात कह रहे हैं कि मंत्रालय को इन अधिकारियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों के बारे में सूचित नहीं किया गया और न ही कतर ने कथित जासूसी में उनकी संलिप्तता का कोई साक्ष्य पेश किया है. इजरायल के लिए जासूसी की खबरें बिल्कुल गलत और बेबुनियाद हैं.
‘भारत से जल्दी और कठोर कदम उठाने की मांग’
उन्होंने सवाल किया कि आखिर पूर्व अधिकारियों के परिवारों को अंधेरे में क्यों रखा गया और अब मामले में आगे क्या होने वाला है. चक्रवर्ती ने भारत की ओर से जल्दी और कठोर कदम उठाने की मांग की.
चक्रवर्ती ने याद दिलाया कि डॉ. एस जयशंकर ने आठ दिसंबर 2022 को संसद में कहा था कि इन आठ व्यक्तियों को वापस लाया जाएगा. उन्होंने कहा, ”अगर सरकार इन पूर्व अधिकारियों को वापस लाने में विफल रहती है तो वह सेना के सदस्यों और पूर्व सैनिकों में विश्वास कैसे पैदा करेगी.”
‘बहन को भाई की सुरक्षित वापसी की उम्मीद’
जिन पूर्व अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई है उनमें से एक नाम कमांडर पूर्णेंदु तिवारी का है. उनकी बहन मध्य प्रदेश के ग्वालियर में रहती हैं जो अपने भाई की सुरक्षित भारत वापसी की उम्मीदें लगाए हुए हैं. उन्होंने कहा कि मां से भाई की बात हुई थी. उन्होंने बताया कि आप लोग कोशिश कीजिए कि जल्द से जल्द रिहा हो जाएं.
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