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INDIA Alliance Make Strategy Against Suspension Of Opposition MPs From Parliament Winter Session


INDIA Alliance On MPs Suspension: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा करने पर निलंबित किए गए विपक्षी सांसदों के मुद्दे पर इंडिया गठबंधन काफी आक्रामक देखा जा रहा है. गठबंधन नें शामिल नेताओं की ओर से इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं.

इस बीच सूत्रों ने जानकारी दी है कि शीतकालीन सत्र से 90 से ज्यादा सांसदों के निलंबन के खिलाफ इंडिया गठबंधन ने रणनीति बनाई है. सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार (19 दिसंबर) से इंडिया गठबंधन संसद की कार्यवाही का बहिष्कार करेगा. इस गठबंघन के सांसद लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही में भाग नहीं लेंगे.

इस सत्र के दौरान अब तक कुल 92 सांसद निलंबित किए जा चुके हैं. वही, सोमवार को निचले और ऊपरी सदन को मिलाकर 78 सांसद निलंबित किए गए. लोकसभा से 33 और राज्यसभा से 45 सांसद सोमावार को निलंबित किए गए.

सरकार पर लगाया संसद में बुलडोजर चलाने का आरोप

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इंडिया गठबंधन के घटक दलों ने विपक्षी सांसदों के निलंबन को तानाशाही भरा कदम बताया और कहा कि विपक्ष को रौंदने के लिए संसद में सरकार की ओर से बुलडोजर चलाया जा रहा है.

सोमवार को लोकसभा में आसन की अवमानना के आरोप में कांग्रेस के कुल 33 सांसदों को सदन से निलंबित किया गया, जिनमें 30 सदस्यों को मौजूदा सत्र की शेष अवधि से और तीन सांसदों को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित किया गया है.

वहीं, राज्यसभा में कार्यवाही बाधित करने पर विपक्षी दलों के 34 सांसदों को शीतकालीन सत्र की बाकी अवधि से निलंबित किया गया जबकि 11 सांसदों को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक के लिए निलंबित किया गया है.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का सरकार पर तीखा वार

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस मुद्दे पर सोमवार को अपने आधिकारिक X हैंडल से पोस्ट के माध्यम से सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने लिखा, ”13 दिसंबर 2023 को संसद पर एक हमला हुआ, आज फिर मोदी सरकार ने संसद और लोकतंत्र पर हमला किया है. तानाशाही मोदी सरकार द्वारा अभी तक 92 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर, सभी लोकतांत्रिक प्रणालियों को कूड़ेदान में फेंक दिया गया है.”

उन्होंने लिखा, ”हमारी दो सरल और सहज मांग हैं- 1. केंद्रीय गृह मंत्री को संसद की सुरक्षा में गंभीर उल्लंघन पर संसद के दोनों सदनों में बयान देना चाहिए. 2. इस पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए.”

कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे लिखा, ”प्रधानमंत्री जी अखबार को इंटरव्यू दे सकते हैं, गृह मंत्री टीवी चैनलों को इंटरव्यू दे सकते हैं… लेकिन भारत की संसद जो देश के पक्ष-विपक्ष दोनों पक्षों का प्रतिनिधित्व करती है, यहां भाजपा अपनी जवाबदेही से भाग रही है! विपक्ष-रहित संसद में मोदी सरकार अब महत्वपूर्ण लंबित कानूनों को बिना किसी चर्चा-बहस या असहमति से बहुमत के बाहुबल से पारित करवा सकती है!”

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