IIT Baba Acharya Jaishankar Rejected CPCB Report Says Ganga water of the river is completely pure and fit for bathing
Acharya Jaishankar On CPCB Report: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) को सौंपी गई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में गंगा के पानी में फीकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ी है, जिससे नदी का प्रदूषण स्तर बढ़ गया है. ‘आईआईटी बाबा’ आचार्य जयशंकर ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है.
आचार्य जयशंकर ने कहा, “हम अभी वहां से नहाकर आए हैं. हम यहां आस्था की डुबकी लगाने आए हैं और हमें ऐसा कुछ भी नहीं दिखा जो रिपोर्ट में बताया गया है. पानी बह रहा है और जहां तक बैक्टीरिया का सवाल है, वह कैसे रह सकता है?”
‘लैब रिपोर्ट के लिए कहां से लिया गया पानी?’
उन्होंने कहा कि गंगा नदी का जल “पूरी तरह से शुद्ध और नहाने योग्य” है. मैं बनारस में पढ़ाई के दौरान गंगा के पानी को देखता आ रहा हूं और अब यह पहले से बेहतर है. हमें कोई समस्या नहीं दिखी. लोग यहां व्यवस्था देखने नहीं, आस्था के लिए आते हैं, इसलिए पानी की रिपोर्ट से उन्हें फर्क नहीं पड़ता. हमने जहां स्नान किया, वहां पानी ठीक था. लैब रिपोर्ट के लिए कहां से सैंपल लिया गया, यह हमें नहीं पता.
यह पूछे जाने पर कि यह वाकई 144 साल बाद वाला ‘महाकुंभ’ है या फिर भ्रामक प्रचार किया गया, ‘आईआईटी बाबा’ ने कहा कि यह भ्रामक नहीं है, यह एक अनूठा संयोग है. 144 साल बाद ऐसा योग है, इसमें संदेह नहीं. कई साल पहले इस शहर का नाम ‘तीर्थराज’ था और प्रयाग संगम एक भव्य स्थल है.
ममता कुलकर्णी के मामले पर क्या बोले आचार्य जयशंकर?
ममता कुलकर्णी के किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर बनने को आचार्य जयशंकर ने गलत करार दिया. उन्होंने कहा कि बिना शास्त्रों के ज्ञान के कोई महामंडलेश्वर नहीं बन सकता. ऐसी कोशिश बेकार है. धर्म का मजाक बनाने वाले लोग इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं हो सकते. महाकुंभ की अवधि बढ़ाने के सवाल पर आचार्य जयशंकर ने कहा कि कुंभ मकर संक्रांति से शिवरात्रि तक होता है. मुझे नहीं लगता कि इसे और बढ़ाना चाहिए.
महाकुंभ में व्यवस्था को लेकर उठाए गए सवाल पर क्या बोले आईआईटी बाबा?
महाकुंभ में प्रशासन की ओर से की गई व्यवस्था पर खड़े हो रहे सवाल को लेकर आचार्य जयशंकर ने कहा कि व्यवस्था ठीक रही, तभी इतने लोग पहुंचे. फिर भी दुर्घटना दुखद है. जो लोग हताहत हुए, उनके लिए प्रार्थना करता हूं. कुछ घटनाएं हुई हैं, लेकिन हमें हर चीज में प्रशासन को दोष नहीं देना चाहिए. इतनी बड़ी संख्या में लोग आए हैं, इसलिए घटना की जांच की जा रही है.
महाकुंभ में मौतों को लेकर अफवाहों के बारे में आचार्य जयशंकर ने कहा कि यह बिल्कुल संभव नहीं है कि मौतें छिपाई गई हों. आज के दौर में सोशल मीडिया के चलते किसी भी घटना को छिपाना नामुमकिन है. अगर पुलिस ने ऐसा किया भी होता तो अब तक किसी न किसी के पास असलियत जरूर आई होती.
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