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IIT-दिल्ली के विशेषज्ञों से मांगी गई राय, मंगलवार को फिर सुनवाई



नई दिल्‍ली:

सुप्रीम कोर्ट ने विवादों से घिरी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी 2024 से संबंधित याचिकाओं पर आज सुनवाई की. ये परीक्षा पांच मई को आयोजित की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी-दिल्ली के निदेशक को एक प्रश्न को लेकर नीट-यूजी 2024 के लिए तीन विशेषज्ञों की टीम गठित करने और सही उत्तरों पर रिपोर्ट सौंपने को कहा है.

NTA ने दो ऑप्शनों को सही बताकर 4 अंक दिए थे, कमेटी इसी का अध्ययन कर राय देगी. सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी-दिल्ली के विशेषज्ञों से मंगलवार दोपहर 12 बजे तक इस प्रश्न विशेष के सही उत्तर पर राय देने को कहा है.

राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने शनिवार को मेडिकल प्रवेश परीक्षा के शहर और केंद्रवार परिणाम जारी किए थे. इसमें पेपर लीक और असामान्य अंक मिलने के आरोप हैं. शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर 22 जुलाई की अपलोड की गई वाद सूची के अनुसार मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई की.

NEET मामले में सुनवाई :

याचिकाकर्ता के वकील हुड्डा ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि जहां तक ​​लीक का सवाल है, संजीव मुखिया एक गैंगस्टर है, जिसकी गिरफ्तारी अभी बाकी है. राजस्थान से सॉल्वर बुलाए गए थे. व्हाट्सएप के जरिए इसका प्रसार हुआ. ये संभव नहीं है कि लीक सिर्फ पटना तक ही सीमित हो.

हुड्डा ने कहा कि ये पूरी तरह से सिस्टमेटिक फेल्योर है. परीक्षार्थी के पते का सत्यापन नहीं हुआ. सीसीटीवी कैमरे की निगरानी नहीं हुई. सवाई माधवपुर के बारे में उनके हलफनामे से इसकी पुष्टि होती है.

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा पेपर लीक कराने वालों ने प्रश्नपत्र 6 घंटे तक अपने पास रखे. यदि अदालत पुनः नीट पर विचार नहीं कर रहा है तो कम से कम योग्य लोगों को दोबारा परीक्षा देने के लिए कहा जाना चाहिए, जिनकी संख्या लगभग 13 लाख है.

एडवोकेट नरेन्द्र हुड्डा ने अपनी दलील पूरी की. इसके बाद दूसरे याचिकाकर्ता की तरफ से वकील संजय हेगडे बहस कर रहे हैं.

4 मई की रात या उससे पहले लीक हुआ पेपर- संजय हेगड़े

संजय हेगड़े ने कहा कि बेशक हजारीबाग से लीक हुआ है. इसे पटना में पकड़ा गया. आज हमें नहीं पता कि यह सब कहां से लीक हुआ. जांच रिपोर्ट कहती है कि कुछ संदेश करीब 100 लोगों तक गए. हमें लीक की सीमा के बारे में नहीं पता. लीक का समय, कुछ हद तक निश्चित है कि ये 5 तारीख की सुबह नहीं हुआ. यह कम से कम 4 मई की रात या उससे पहले हुआ था.

हेगड़े ने कहा कि सीबीआई की जांच सिर्फ पटना तक सीमित नहीं है. ये कई राज्यों को कवर कर रही है. जांचकर्ता इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं कि यह स्थानीय स्तर पर लीक हुआ था. NEET को योग्यता के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है. अगर आप NEET के लिए योग्य हैं, तो आप सिर्फ सरकारी सीटों के लिए योग्य नहीं हैं. कई दूसरे देश भी NEET को स्वीकार करते हैं, तो 164 कट-ऑफ, जो लगभग 13 लाख है, क्या उन सभी का निष्पक्ष तरीके से मूल्यांकन किया गया है?

याचिकाकर्ता की ओर से वकील नरेंद्र हुड्डा ने सुनवाई के दौरान कहा कि लीक कराना एक गिरोह का काम है, जो पहले भी ऐसे मामलों में काम कर चुका है. 4 मई को पहला बयान अनुराग यादव का दर्ज हुआ, उसके बाद नितेश कुमार का बयान दर्ज हुआ. दो और लोग अमित आनंद और सिकंदर प्रसाद ने बिहार पुलिस के सामने बयान दर्ज कराया है. इसके बाद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, “अमित आनंद मिडिलमैन है. वो 4 मई  की रात को छात्रों को इकट्ठा कर रहा था. नितेश कुमार मौके पर मौजूद था, जहां पेपर सुबह मिला और छात्रों को आंसर याद कराया गया. इस पर सीजेआई डी. वाई चंद्रचूड़ ने कहा, “बयानों के आधार पर ये लगता है कि पेपर 5 मई से पहले लीक हुआ था, क्योंकि छात्रो को पेपर रटाया जा रहा था. यह परीक्षा पांच मई को आयोजित की गई थी.

“4 में से एक छात्र को ऐसे अंक कैसे मिल सकते हैं?”

एक अन्‍य याचिकाकर्ता के वकील संजय हेगड़े ने कहा, “4 में से एक छात्र को ऐसे अंक कैसे मिल सकते हैं?” हुड्डा ने कहा कि यह व्यवस्थागत विफलता है. गुजरात में फेल होने वाली एक लड़की बेलगावी जाती है और उसे NEET में 705 अंक मिलते हैं और CBSE का पाठ्यक्रम पूरी तरह से NEET से जुड़ा हुआ है. इस पर सीजेआई ने पूछा, “क्या आपने हमें बेलगावी के अन्य स्कोरर दिखाए.. हमें वह भी दिखाएं.” सॉलिसिटर जनरल ने इस पर कहा, “कोटा और सीकर शिक्षा केंद्र हैं, जहां छात्र होस्‍टलों में रहते हैं और पढ़ाई करते हैं.” हुड्डा ने कहा, “यहां दागी को बेदाग से अलग नहीं किया जा सकता, जो वीडियोग्राफी कर रहा है, वह भी निजी है. सवाई माधोपुर के मामले में… यह उनका अपना मामला है कि गलत प्रश्नपत्र वितरित किया गया. CJI ने याचिकाकर्ता से कहा, “यदि कोई खामियां हैं, तो हम उन्हें दूर करेंगे. मूल रूप से आपने हजारीबाग, पटना पर ध्यान केंद्रित किया है. बहादुरगढ़ में कुछ खामियां हैं. आपने  सिस्टेमैटिक फेल्योर यानी प्रणालीगत विफलता कहां दिखाई है?

फिर झज्जर में छात्रों को ग्रेस मार्क्‍स क्‍यों दिये 

सीजेआई ने पूछा, “झज्जर में छात्रों को ग्रेस मार्क्स क्यों दिए गए, ऐसा तो नहीं है कि बीच में सही पेपर दे दिया गया? इसके जवाब में सॉलिसिटर जनरल ने कहा, “झज्जर में छात्रों ने पूरा पेपर लिखा और कुछ केंद्रों में गलत पेपर भी वापस ले लिया गया था और SBI के पेपर दिए गए. कुछ सेंटरों में छात्रों ने कैनरा बैंक के आधार पर पूरी परीक्षा दी है.” सॉलिसिटर जनरल ने बताया, “झज्जर में 3 सेंटर थे. एक में कैनरा बैंक वाला पेपर दिया गया और छात्रों को कोई परेशानी नहीं हुई. बाकी दो में गलती का एहसास होने पर पेपर बीच परीक्षा से वापस ले लिया गया और नया पेपर दिया गया. इस प्रकार छात्रों ने कहा कि उन्हें पूरा समय नहीं मिला और यह सच था.” सीजेआई ने पूछा कि फिर ग्रेस मार्क्स क्यों दिया गया? सॉलिसिटर जनरल ने बताया, “यह तय किया गया कि CLAT का एक निर्णय था, जिसमें कहा गया था कि यदि छात्रों के पास कम समय है, तो ग्रेस मार्क्स दिए जाते हैं और फिर बाद में इसे रद्द कर दिया गया और फिर से परीक्षा आयोजित की गई.” सीजेआई ने पूछा, “ऐसे 1563 छात्र कहाँ से थे?” एसजी ने इस पर कहा, “जहां भी समय में गड़बड़ी हुई थी.

कई परतें खुलीं, सुप्रीम कोर्ट ने पूछे कई सवाल

CJI ने कहा, “हमारे पास अभी तक कोई ऐसा सबूत नहीं है, जिससे य़ह पता चले कि नीट-यूजी पेपर लीक इतना व्यापक था कि पूरे देश में फैल गया. हमें यह देखना होगा कि क्या लीक स्थानीय स्तर पर है और यह भी देखना होगा कि पेपर सुबह 9 बजे लीक हुआ और 10:30 बजे तक हल हो गया. अगर हम इस पर विश्वास नहीं करते हैं, तो आपको हमें यह दिखाना होगा कि लीक हजारीबाग और पटना से भी आगे हुआ था. हमें बताएं कि यह कितना व्यापक है. सीबीआई की तीसरी रिपोर्ट से हमें पता चला है कि प्रिंटिंग प्रेस कहां स्थित थी. इस पर याचिकाकर्ता वकील हुड्डा ने कहा, “झज्जर के हरदयाल स्कूल की प्रिंसिपल का वीडियो  है, जिसमें उन्होंने कहा है कि केनरा बैंक का पेपर दिया गया था. कोई देरी नहीं हुई थी. इस पर CJI ने कहा पूछा कि क्या सेंटर इंचार्ज को दोनों बैंकों से पेपर मिलते हैं? जवाब में सॉलिसिटर जनरल ने कहा, “किसी सिटी इंचार्ज को यह नहीं बताया जाता कि किस बैंक से पेपर लेना है.” फिर CJI पूछा, “क्या बैंकों को इस बारे में जानकारी नहीं है. जब SBI को पेपर बांटने थे, तो झज्जर इंचार्ज केनरा बैंक कैसे गए और पेपर कैसे लाए? तो क्या कैंडिडेट ने पूरी परीक्षा केनरा बैंक के पेपर में लिखी. हुड्डा ने बताया, “3,000 से ज़्यादा छात्रों को केनरा बैंक के पेपर मिले. पूरे भारत में ऐसा 8 सेंटर पर हुआ है.” सॉलिसिटर जनरल ने इस पर कहा कि दोनों पेपरों का स्तर एक जैसा रखा गया है. सीजेआई ने पूछा- इन 8 केंद्रों में कितने छात्र थे. हुड्डा ने इसके जवाब में कहा लगभग 3,700 छात्र.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर सुप्रीम कोर्ट के सवाल

  • सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवाई के दौरान कहा,  “अमित आनंद मिडिलमैन है. वो 4 मई  की रात को छात्रों को इकट्ठा कर रहा था. नितेश कुमार मौके पर मौजूद था, जहां पेपर सुबह मिला और छात्रों को आंसर याद कराया गया.”
  • इस पर सीजेआई डी. वाई चंद्रचूड़ ने कहा, “बयानों के आधार पर ये लगता है कि पेपर 5 मई से पहले लीक हुआ था, क्योंकि छात्रो को पेपर रटाया जा रहा था.” 
  • तुषार मेहता ने कहा कि EOU ने अमित आनंद के बयान को बाद में दर्ज किया. इस पर सीजेआई ने कहा, “रिपोर्ट के अनुसार 4 मई को को रात मैं लोगों को इकठ्ठा किया गया था प्रश्न पत्र रटवाने के लिए. अमित आनद के बयान के मुताबिक, इस संबंध में दो और बयान दर्ज किए गए है. इन पर भी गौर करे, क्योंकि अभी एक आधार के आधार पर पिक्चर अधूरी है.”
  • सीजेआई ने सुनवाई के दौरान कहा, “सभी समस्या समाधानकर्ता छात्र हैं, उनमें से कोई भी प्रोफेसर नहीं है.”
  • इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि मुझे बताया गया है कि इस काम के लिए छात्र बेहतर तरीके से तैयार हैं.
  • सीजेआई ने कहा, “एम्स पटना से हैं, कुछ रांची से और  राजस्थान से हैं. यदि लीक 4 मई की रात को हुआ है, तो जाहिर है कि वो लीक परिवहन की प्रक्रिया में नहीं हुआ था, बल्कि यह पहले स्ट्रांग रूम वॉल्ट में हुआ था. अब हमें ये देखना होगा कि यह हजारीबाग तक ही सीमित था.
  • सॉलिसिटर जनरल ने कहा, “चिंटू के बयान के मुताबिक, 5 मई को सुबह 10 बजे सॉल्व पेपर मोबाइल पर मिला. उसके बाद प्रश्न पत्र छात्रों को प्रिंट निकालकर याद करने के लिए दिया गया.”
  • CJI ने कहा, “आप हमें ऑल इंडिया डेटा के बारे में बताइए जो आपने जारी किया.”
  • एसजी मेहता ने बताया, “हमने बिहार के सेंटर शहर और राज्य के छात्रों के सक्‍सेस रेशियो देखा और इसकी तुलना 2022 और 2023 से की है और इसमें कोई असामान्यता नहीं है.

याचिकाकर्ता के वकील नरेंद्र हुड्डा की दलीलें…  NTA भी मानती हैं कि लीक हुआ

याचिकाकर्ता की ओर से वकील नरेंद्र हुड्डा ने सुनवाई के दौरान कहा, “यूजी-नीट परीक्षा के रिजल्‍ट का NTA ने पूरी तरह खुलासा नहीं किया है. आल इंडिया रैंक और केंद्र के सीरियल नंबर नहीं दिए हैं. इन लोगों ने मान लिया है कि पेपर लीक हुआ, वाट्सएप पर भी हुआ है. बिहार पुलिस ने भी अदालत में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है. पुलिस ने जो बयान लिए हैं, उनसे साफ है कि बैंक में जाने से पहले पेपर लीक हुआ. ये संजीव मुखिया गैंग ने किया, जो पहले भी पेपर लीक में शामिल रहा है. ये गैंग का हेंडीवर्क है. ” 
वकील हुड्डा ने दलील दी कि एनटीए ने जो रिजल्ट वेबसाइट पर प्रकाशित किया है, उसमें छात्रों के रोल नंबर तक नहीं दिए गए हैं. NTA ने रोल नंबर की जगह जो सीरियल नंबर दिए भी है, आकंडों से साफ है कि वो सीरियल नंबर भी रोल नंबर के क्रम में नहीं दिए गए है, बल्कि मनमाने तरीके से सीरियल नंबर दिए गए है. इसके चलते किसी सेन्टर विशेष के किसी रूम में एग्जाम दे रहे कैंडिडेट्स के बारे में पूरी सटीक सूचना मिल पाना संभव नहीं है. पूरी परीक्षा आयोजित करने का तरीका इतना कमजोर है कि इससे भरोसा नहीं होता और हर स्तर पर लीक की संभावना है. NTA भी मानती हैं कि लीक हुआ है, वे मानते हैं कि व्हाट्सएप पर भेजा गया. बिहार पुलिस की जांच के बयानों में कहा गया है कि लीक 4 मई को हुआ था और संबंधित बैंकों में प्रश्नपत्र जमा करने से पहले हुआ था. लीक कराना एक गिरोह का काम है, जो पहले भी ऐसे मामलों में काम कर चुका है, बिहार पुलिस को कोर्ट ने खुद कहा है कि सभी बरामद सामग्री, केस डायरी, रिपोर्ट आदि सहित सभी सामग्रियां पेश की जाएं.

नरेंद्र हुड्डा ने अनुराग यादव के बिहार पुलिस को दिए बयान का हवाला दिया. चीफ जस्टिस ने बिहार पुलिस द्वारा  CRPC-161 के तहत बयान की जानकारी मांगी. वकील ने बताया कि 4 मई को पहला  बयान अनुराग यादव का दर्ज हुआ, उसके बाद नितेश कुमार का बयान दर्ज हुआ.

नरेंद्र हुड्डा ने अनुराग यादव के बिहार पुलिस को दिए बयान का हवाला दिया. चीफ जस्टिस ने बिहार पुलिस द्वारा  CRPC-161 के तहत बयान की जानकारी मांगी. वकील ने बताया कि 4 मई को पहला  बयान अनुराग यादव का दर्ज हुआ, उसके बाद नितेश कुमार का बयान दर्ज हुआ.  दो और लोग अमित आनंद और  सिकंदर प्रसाद ने बिहार पुलिस के सामने  बयान दर्ज कराया है. जज ने चारों लोगों के बयान को देखा. वकील नरेंद्र हड्डा ने दलील दी कि बिहार पुलिस के सामने सीआरपीसी 161 के तहत दर्ज इन चारों के बयानों से साफ है कि पेपर लीक 5 मई को परीक्षा होने से बहुत पहले ही हो गया था.

इससे पहले राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने शनिवार को मेडिकल प्रवेश परीक्षा के शहर और केंद्रवार परिणाम जारी किए थे. इसमें पेपर लीक और असामान्य अंक मिलने के आरोप हैं. ऐसे में लाखों बच्‍चों का भविष्‍य दांव पर है. मामले की सुनवाई 22 जुलाई के लिए स्थगित करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नीट परीक्षा आयोजित करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को वेबसाइट पर परीक्षा केंद्रवार रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया था. शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं को कहा था कि वे यह बतायें कि क्या पेपर लीक इतने व्यवस्थित तरीके से किया गया था कि पूरी परीक्षा रद्द करनी जरूरी है. केंद्र सरकार ने 23 जून को मामले की जांच की जिम्मेदारी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी थी.

नीट-यूजी पेपर लीक मामले पर संसद में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान

लोकसभा में नीट को लेकर हंगामा हो रहा है. विपक्ष का सवाल 7 साल में 70 बार पेपर लीक हुआ है. धमेंद्र प्रधान ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है. अभी नीट के मामले में सिर्फ एक जगह पटना के करीब पेपर लीक का मामला सामने आया है. इस मामले पर सीबीआई और बिहार पुलिस जांच कर रही है. नीट वाला मामला पहले सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है.

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40 से ज्‍यादा याचिकाओं पर सुनवाई 

सुप्रीम कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. इनमें एनटीए द्वारा दायर याचिकाएं भी शामिल हैं. उसकी याचिकाओं में मुकदमों की अधिकता से बचने के लिए नीट-यूजी विवाद पर विभिन्न उच्च न्यायालयों में उसके खिलाफ लंबित मामलों को उच्चतम न्यायालय में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया है. एनटीए द्वारा जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि पेपर लीक और अन्य अनियमितताओं से कथित तौर पर लाभान्वित होने वाले उम्मीदवारों ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया. हालांकि कुछ केंद्रों पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों की संख्या अधिक थी. यह डेटा 4,750 केंद्रों के 32 लाख से अधिक उम्मीदवारों का था. सुप्रीम कोर्ट इसमें कथित अनियमितताओं को लेकर कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है और उसी के निर्देश पर डेटा जारी किया गया था. लाखों अभ्यर्थी परीक्षा पर न्यायालय के अंतिम फैसले का इंतजार कर रहे हैं. जांच के दायरे में आए केंद्रों के अभ्यर्थियों का प्रदर्शन तुलनात्मक रूप से काफी खराब था.

अदालत में अब तक क्‍या हुआ…?

सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई को परीक्षा रद्द करने, दोबारा परीक्षा कराने और नीट-यूजी 2024 के आयोजन में कथित गड़बड़ी की जांच की मांग वाली याचिकाओं सहित अन्य याचिकाओं पर सुनवाई 18 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी थी, क्योंकि कुछ पक्षों को केंद्र और एनटीए के जवाब अभी तक नहीं मिले हैं. पीठ ने कहा कि उसे जांच में हुई प्रगति पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से स्थिति रिपोर्ट प्राप्त हुई है.  शीर्ष अदालत ने आठ जुलाई को याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा था कि नीट-यूजी 2024 की शुचिता का उल्लंघन किया गया है. पीठ ने कहा कि यदि पूरी प्रक्रिया प्रभावित हुई है, तो दोबारा परीक्षा का आदेश दिया जा सकता है. 

नीट-यूजी परीक्षा पांच मई को 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी, जिनमें 14 विदेशी शहर भी थे. इसमें 23.33 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे. नीट का प्रश्नपत्र लीक होने का खुलासा सबसे पहले पटना पुलिस ने 5 मई को परीक्षा के दिन ही किया था. शहर के शास्त्री नगर थाने में इस संबंध में एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी. बाद में मामला बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई को हस्तांतरित कर दिया गया था.

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