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IISc Professor, Colleagues Working On Possible Vaccine For Covid-19 – आईआईएससी के प्रोफेसर, सहयोगी कोविड-19 के संभावित टीका पर कर रहे काम


आईआईएससी के प्रोफेसर, सहयोगी कोविड-19 के संभावित टीका पर कर रहे काम

प्रतीकात्मक तस्वीर

बेंगलुरु: भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) के प्रोफेसर और सहयोगियों ने एक कृत्रिम एंटीजन डिजाइन किया है जिसे कोविड-19 के संभावित टीका के रूप में निर्मित किया जा सकता है. कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से आणविक जैव-भौतिकी इकाई (एमबीयू), आईआईएससी के प्रोफेसर राघवन वरदराजन और सहयोगी एक टीका विकसित करने पर काम कर रहे हैं जो सार्स कोव-2 के वर्तमान और भविष्य के विभिन्न स्वरूपों से सुरक्षा प्रदान कर सकता है.

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आईआईएससी द्वारा बुधवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार शोध पत्रिका ‘एनपीजे वैक्सीन्स’ में प्रकाशित एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने दिखाया है कि उनका टीका सार्स कोव-2 के सभी मौजूदा स्वरूपो के खिलाफ प्रभावी है और इसे भविष्य के स्वरूपों के लिए भी जल्दी से तैयार किया जा सकता है. इसमें कहा गया है कि वर्तमान टीके अधिकांश सार्स कोव-2 उप स्वरूपों के खिलाफ प्रभावी साबित हुए हैं, लेकिन वायरस के तेजी से उत्परिवर्तन के कारण उनकी प्रभावकारिता में गिरावट आई है.

वायरस में पाए जाने वाले विभिन्न प्रोटीन का विश्लेषण करने के बाद, शोधकर्ताओं ने अपने टीके के लिए सार्स कोव-2 के स्पाइक प्रोटीन के दो भागों-एस2 सबयूनिट और रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन (आरबीडी) का चयन किया. टीम ने चूहों पर दोनों मॉडल में प्रोटीन के प्रभावों का परीक्षण किया. उन्होंने पाया कि हाइब्रिड प्रोटीन ने एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न की और पूरे स्पाइक प्रोटीन वाले टीकों की तुलना में बेहतर सुरक्षा प्रदान की.

वरदराजन ने बताया कि उनकी टीम ने भारत में महामारी के व्यापक प्रसार से पहले ही टीके पर काम करना शुरू कर दिया था. उन्होंने कहा, ‘‘उस समय, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने हमें वित्तीय मदद प्रदान की थी.”

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)



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