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If There Is No Discussion In The Parliament, Forces Irresponsible Towards The Constitution Will Take Over: Vice President Dhankhar – संसद में चर्चा नहीं होगी, तो संविधान के प्रति गैर जवाबदेह ताकतों का हो जाएगा कब्जा : उपराष्ट्रपति धनखड़


धनखड़ ने जागरूक नागरिकों को किसी भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया की सबसे बड़ी ताकत बताया.

नई दिल्‍ली :

उपराष्‍ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि संसद एक मंदिर है जहां पर बहस, चर्चा और संवाद होना ही चाहिए. उन्‍होंने कहा कि कोई यह उम्‍मीद नहीं करता है कि संसद में अशांति होगी. उन्‍होंने कहा कि आप चाहते हैं कि आपके प्रतिनिधि राष्ट्र के हित में काम करें. उपराष्‍ट्रपति प्रगति मैदान में आयोजित पुस्‍तकालय महोत्‍सव के समापन समारोह में बोल रहे थे. इसके साथ ही उपराष्‍ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि यदि संसद में चर्चा नहीं होगी तो संविधान के प्रति गैर जवाबदेह ताकतों का कब्‍जा हो जाएगा. 

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उपराष्ट्रपति ने कहा, “…अगर हमारे लोकतंत्र के मंदिर संवाद और चर्चा में शामिल नहीं होते हैं और वे व्यवधान और अशांति से ग्रस्त हैं, तो जगह खाली नहीं होने वाली है. यहां उन ताकतों का कब्जा हो जाएगा जो संविधान के प्रति जवाबदेह नहीं हैं.”

उपराष्‍ट्रपति ने कहा, “जब आप राजनीतिक क्षेत्र में होते हैं तो राजनीतिक पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण ठीक है, लेकिन जब आप राष्ट्र के विकास में हितधारक बन जाते हैं तो राजनीति को पीछे छोड़ देना चाहिए. देश का हित हो तो हमें हमेशा फ्रंटफुट पर रहना चाहिए. हमें सीधे बल्ले से खेलना चाहिए और साहस और दृढ़ विश्वास के साथ खेलना चाहिए.”

इसके साथ ही धनखड़ ने जागरूक नागरिकों को किसी भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया की सबसे बड़ी ताकत बताया और जोर दिया कि केवल एक जागरूक नागरिक ही राष्ट्र-विरोधी ताकतों और आख्यानों को बेअसर कर सकता है. उन्होंने कहा कि जागरूक नागरिक का दर्जा हासिल करने के लिए पुस्तकालय सबसे बेहतर हैं. 

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