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How Israel Army Mistook 3 Hostages As Hamas Terrorists Shot Them Dead IDF Officer Explain – कैसे इजरायली सैनिक, हमास के लड़ाकों और अपने बंधकों में अंतर नहीं कर पाए…! IDF अधिकारी ने बताया


कैसे इजरायली सैनिक, हमास के लड़ाकों और अपने बंधकों में अंतर नहीं कर पाए...! IDF अधिकारी ने बताया

“कहीं हमास का जाल तो नहीं…”, ये समझ इजरायली सैनिकों ने चला दी अपने ही बंधकों पर गोली

खास बातें

  • कैसे इजरायली सैनिकों ने 3 बंधकों को हमास के आतंकवादी समझकर गोली मारी
  • इजरायली सैनिकों को लगा हमास का बुना गया जाल
  • इजरायली सैनिकों को जारी किये गए नए प्रोटोकॉल

येरुशलम :

इजरायली सेना ने गाजा के शेजया में हमास के लड़के समझकर तीन बंधकों को गोली मार दी. गाजा पट्टी में हुई इस गलती को इजरायली सेना ने ‘भारी त्रुटि’ करार देने हुए इस पर खेद प्रकट किया है. मारे गए बंधकों की पहचान योतम हैम, समेर तलालका और एलोन शमरिज़ के रूप में की गई है. 7 अक्टूबर को इजरायल के कई शहरों पर हुए हमलों के दौरान हमास के लड़कों द्वारा उनका अपहरण कर लिया गया था.

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गाजा पट्टी में आखिर उस दिन क्‍या हुआ था… कैसे इजरायली सैनिक हमास के लड़ाकों और बंधकों में अंतर नहीं कर पाए? इजरायली सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने द टाइम्स ऑफ़ इजरायल को बताया, “शुक्रवार की सुबह, एक इजरायली सैनिक ने हमास के गढ़ शेजया में एक इमारत से तीन लोगों को बाहर निकलते देखा. तीनों शर्टलेस थे और उनमें से एक के पास छड़ी में सफेद झंडा था.”

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अधिकारी ने आगे बताया, “सैनिकों को लगा कि यह हमास का एक जाल है. इस डर से सैनिक ने गोली चला दी और चिल्लाया, “आतंकवादी!” गोलीबारी में तीन में से दो लोगों की मौत हो गई. तीसरा घायल हो गया और इमारत में वापस भागने में सफल रहा. ऐसे में बटालियन कमांडर ने सैनिकों से गोलीबारी न करने को कहा. वह हिब्रू में चीखें और बंधक को बाहर आने के लिए कहा.” अधिकारी ने द टाइम्स ऑफ़ इजरायल को बताया कि इसके तुरंत बाद, तीसरा आदमी इमारत से बाहर आया और बिना किसी गोलीबारी के आदेश के बावजूद एक अन्य सैनिक ने उसे गोली मार दी और उसकी मौत हो गई. बाद में तीनों की पहचान इजरायली बंधकों के रूप में हुई.

इजरायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “शेजया में युद्ध के दौरान आईडीएफ ने गलती से 3 इजरायली बंधकों को मार दिया. दुखद घटना पर गहरा अफसोस है और परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं. आईडीएफ इस बात पर जोर देता है कि यह एक युद्ध क्षेत्र है, जिसमें पिछले कुछ दिनों से लगातार लड़ाई चल रही है. घटना से तत्काल सबक सीखा गया है, जिसे क्षेत्र में सभी आईडीएफ सैनिकों को बता  दिया गया है.”

द टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार, नए प्रोटोकॉल में सैनिकों को यह ध्यान रखने के लिए कहा गया है कि बंधकों को छोड़ दिया गया हो या वे भाग गए हों, तो सैनिकों को “हिब्रू में बोलना, हाथ उठाना और कपड़े जैसे बताने वाले संकेतों पर ध्यान देना चाहिए.”

टाइम्स रेडियो को दिए एक इंटरव्‍यू के दौरान, आईडीएफ के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल रिचर्ड हेचट ने कहा कि इजरायली सेना एक ऐसे आतंकवादी संगठन से लड़ रही है, जो आम लोगों के भीतर से हम पर गोलीबारी कर रहा है… उनका पहनावा भी नागरिकों जैसा है. यह (हमास) कोई नियमित सेना नहीं है. यह एक दुष्ट आतंकवादी सेना है. यह दुखद घटना इस संघर्ष की प्रकृति के कारण हुई है.”

इस घटना पर दुख प्रकट करते हुए इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि यह हृदय विदारक था, लेकिन बंधकों को घर लाने के लिए “सैन्य दबाव” है.

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