Home Minister Amit Shah Warns Entitled Dynasts After Supreme Court Order On ED Chief Sanjay Kumar Mishra – ED चीफ कौन है ये अहम नहीं, परिवारवादियों के भ्रष्टाचार पर जारी रहेगी कार्रवाई: गृहमंत्री अमित शाह
नई दिल्ली:
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के डायरेक्टर संजय कुमार मिश्रा के सर्विस एक्सटेंशन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर हमलावर विपक्ष को जवाब दिया है. शाह ने मंगलवार को कहा कि यह अहम नहीं है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का निदेशक कौन है? क्योंकि जो कोई भी इस पद पर होगा, वह विकास विरोधी मानसिकता रखने वाले परिवारवादियों के बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार पर नजर रखेगा.
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दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने ईडी प्रमुख संजय कुमार मिश्रा को तीसरा सर्विस एक्सटेंशन दिये जाने को अवैध ठहराया है. कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि ED डायरेक्टर संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाने का केंद्र का फैसला गैर-कानूनी है. कोर्ट के इस आदेश के बावजूद मिश्रा 31 जुलाई तक पद पर बने रहेंगे. तब तक सरकार को नए चीफ की नियुक्ति करनी होगी.
अमित शाह ने विपक्ष को दिया ये जवाब
कोर्ट के फैसले के बाद अमित शाह ने ट्वीट किया, ‘ईडी मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी मना रहे लोग विभिन्न कारणों से भ्रम में हैं. केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) अधिनियम में संशोधन, जिसे संसद द्वारा विधिवत पारित किया गया था, उसे बरकरार रखा गया है.’
Those rejoicing over the Hon’ble SC decision on the ED case are delusional for various reasons:
The amendments to the CVC Act, which were duly passed by the Parliament, have been upheld.
Powers of the ED to strike at those who are corrupt and on the wrong side of the law…
— Amit Shah (@AmitShah) July 11, 2023
ईडी की शक्तियां पहले जैसी
उन्होंने कहा कि भ्रष्ट और कानून का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करने के लिए ईडी की शक्तियां पहले जैसी हैं, क्योंकि यह एक ऐसी संस्था है जो किसी व्यक्ति विशेष से परे है. यह अपने मुख्य उद्देश्य को प्राप्त करने के प्रति लक्षित है. यानी मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा कानूनों के उल्लंघन के अपराधों की जांच जारी रहेगी.
संजय कुमार मिश्रा के एक्सटेंशन पर केंद्र ने दिया ये तर्क
संजय कुमार मिश्रा को एक्सटेंशन देने के पीछे सरकार का तर्क है कि उनकी जगह लेने के लिए अभी कोई दूसरा अफसर तलाश नहीं किया जा सका है. वे अभी मनी लॉन्ड्रिंग के कई मामलों की निगरानी कर रहे हैं. ऐसे में नई नियुक्ति के लिए हमें थोड़ा और समय चाहिए.
हालांकि, कोर्ट ने 2021 में कार्यकाल बढ़ाने वाले कानून में हुए बदलाव को वैध बताया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी भी जांच एजेंसी के डायरेक्टर के कार्यकाल को बढ़ाया जा सकता है, लेकिन सरकार को इसकी ठोस वजह लिखित में बतानी होगी.
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