Himachal Pradesh Political Crisis Sukhvinder Singh Sukhu will remain Chief Minister till Lok Sabha election 2024
Himachal Pradesh: हिमाचल में अब सियासी संकट अभी शांत होता दिख रहा है. जहां बुधवार को दिनभर चर्चाएं रहीं कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सूक्खू इस्तीफा दे सकते हैं या पार्टी अलाकमान उनसे इस्तीफा मांग सकता है. लेकिन, तमाम अटकलों पर मुख्यमंत्री सुक्खू ने बुधवार शाम को मीडिया से बातचीत के दौरान विराम लगा दिया उन्होंने कहा कि न तो आलाकमान और न ही किसी और ने मुझसे इस्तीफा मांगा है. कांग्रेस सरकार हिमाचल में अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा करेगी.
इसी बीच सूत्रों के हवाले से खबर सामने आई है कि लोकसभा चुनाव तक सुखविंदर सिंह सूक्खू ही हिमाचल के मुख्यमंत्री बने रहने वाले हैं. पार्टी आलाकमान लोकसभा चुनाव से पहले कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है.
आलाकमान के भेजे गए पर्यवेक्षकों ने शांत किया माहौल
हिमाचल में सियासी संकट को देखते हुए दिल्ली आलाकमान की तरफ से तीन पर्यवेक्षकों को भेजा गया था. लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने संभावित नुकसान को रोकने के लिए दिल्ली से कवायद शुरू की. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा, भूपेश बघेल, डी के शिवकुमार को शिमला में भेजा. जिन्होंने पार्टी विधायकों के साथ बातचीत की. वहीं कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बताया कि मल्लिकार्जुन खरगे ने पर्यवेक्षकों और राज्य के कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला से सभी विधायकों से बात कर उनकी रिपोर्ट भी जल्द सौपने के लिए कहा.
बीजेपी प्रत्याशी की जीत के बाद कांग्रेस में खड़ा हुआ बखेड़ा
बता दें कि 27 फरवरी को हुई राज्यसभा चुनाव के हिमाचल कांग्रेस में बखेड़ा खड़ा हुआ. दरअसल, कांग्रेस के हिमाचल में 40 विधायक है. जबकि बीजेपी के 25 विधायक है और 3 निर्दलीयों ने उन्हें समर्थन दिया. राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी और बीजेपी प्रत्याशी हर्ष महाजन दोनों को 34-34 वोट मिले थे. इसके बाद चुनाव का विजेता ड्रॉ के जरिये घोषित किया गया. कांग्रेस के 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर हर्ष महाजन का समर्थन किया, जिससे प्रदेश की राजनीति गरमा गई और सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे थे.