Himachal Pradesh: CPS नियुक्ति मामले में 7 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई, इस वजह से मिली सुनवाई की नई तारीख
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<p style="text-align: justify;"><strong>CPS Appointment In Himachal Pradesh:</strong> हिमाचल प्रदेश में मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति के मामले में अगली सुनवाई 7 दिसंबर को होगी. शनिवार यानी 4 नवंबर को हुई सुनवाई में यह अगली तारीख मिली है. हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस केस को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने से संबंधित एप्लीकेशन दायर कर रखी है. इसके अलावा इस मामले में मामले की सुनवाई कर रही डबल बेंच में भी बदलाव हुआ है.</p>
<p style="text-align: justify;">इसी वजह से इस मामले में सुनवाई नहीं हो सकी. हिमाचल प्रदेश में मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति के मामले को अब तक जस्टिस बीसी नेगी और जस्टिस विवेक ठाकुर की डबल बेंच सुन रही थी. अब यह मामला जस्टिस विवेक ठाकुर और जस्टिस संदीप शर्मा की डबल बेंच सुनेगी.<br /><br /><strong>बीजेपी विधायकों ने दी है नियुक्ति को चुनौती</strong><br />इससे पहले 16 अक्टूबर को हुई सुनवाई में हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की शपथ का रिकॉर्ड तलब किया था. यह रिकॉर्ड भी हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के पास आ गया है. बता दें कि हिमाचल प्रदेश में विपक्षी दल बीजेपी के विधायक सतपाल सिंह सत्ती के साथ अन्य 12 विधायकों ने प्रदेश में उप मुख्यमंत्री और मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को चुनौती दे रखी है. शुक्रवार (3 नवंबर) को सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल सरकार की ओर से दी गई ट्रांसफर एप्लीकेशन को लेकर मामला लिस्ट था, लेकिन सरकार की ओर से नियुक्त अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी इस दौरान कोर्ट में पेश नहीं हुए. इसकी वजह से यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी टल गया. हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से दी गई ट्रांसफर एप्लीकेशन की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में अगले हफ्ते होनी है.<br /><br /><strong>हिमाचल प्रदेश में छह मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति</strong><br />हिमाचल प्रदेश सरकार में छह मुख्य संसदीय सचिव बनाए गए हैं. इनमें कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर, पालमपुर से आशीष बुटेल, बैजनाथ से किशोरी लाल, रोहड़ू से मोहन लाल ब्राक्टा, दून से राम कुमार और अर्की से संजय अवस्थी शामिल हैं. भारतीय जनता पार्टी को विश्वास है कि हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति के खिलाफ फैसला सुनाएगी और इन विधायकों को मुख्य संसदीय सचिव का पद छोड़ना पड़ेगा.</p>
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