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Himachal High Court Will Soon Get 3 New Judges, Collegium Recommends To Center ANN


Himachal High Court: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय को जल्द ही तीन नए न्यायधीश मिलने वाले हैं. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से तीन नए न्यायाधीशों को नियुक्त किए जाने की सिफारिश की है. सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने वरिष्ठ अधिवक्ता रंजन शर्मा, बिपिन चंद्र नेगी और जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश कैंथला का नाम हाईकोर्ट के जज के लिए तय किया है. हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के साथ मिलाकर जजों की संख्या 12 हो जाएगी. मौजूदा वक्त में यह संख्या नौ है. इससे पहले हिमाचल हाई कोर्ट के न्यायाधीश ने 5 दिसंबर, 2022 को इन्हें हाई कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश की थी. राजयपाल और मुख्यमंत्री ने भी इन तीनों नामों पर सहमति दे दी है.

रंजन शर्मा

रंजन शर्मा (Ranjan Sharma) साल 1991 में वकील के तौर पर नामांकित हुए. 29 मार्च, 2019 को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय की ओर से उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता का दर्जा दिया गया. सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सिफारिश में कहा है कि रंजन शर्मा अतिरिक्त अधिवक्ता के तौर पर भी काम कर चुके हैं. राज्य सरकार ने संकेत दिया है कि व्यक्तिगत तौर पर संवेदनशील और पेशेवर व्यक्ति हैं.

बिपिन चंद्र नेगी

बिपिन चंद्र नेगी (Bipin Chandra Negi) पिछले 28 सालों से वकालत कर रहे हैं. साल 1994 में अधिवक्ता के तौर पर नामांकित हुए. हाईकोर्ट के कई महत्वपूर्ण मामले में वे न्यायमित्र (Amicuscuriae) की भूमिका निभा चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सिफारिश में कहा है कि रिपोर्ट के मुताबिक उन्हें कानून की विभिन्न शाखाओं का ज्ञान है और हाई कोर्ट जिला अदालत में उपस्थित होते रहे हैं बिपिन चंद्र नेगी पेशेवर व्यक्ति हैं.

राकेश कैंथला

राकेश कैंथला (Rakesh Kainthla) की 7 अगस्त 1995 को न्यायिक सेवाओं में नियुक्ति हुई. सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सिफारिश में माना है कि राकेश कैंथला की व्यक्तिगत और पेशेवर छवि अच्छी है. राकेश कैंथला मौजूदा वक्त में जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंडी के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं.

कॉलेजियम करता है नियुक्ति की सिफारिश

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों और विभिन्न राज्यों के न्यायाधीशों की नियुक्ति की सिफारिश करता है. यह सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी जाती है. केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने के बाद ही सिफारिश किए गए शख्स की नियुक्ति बतौर न्यायाधीश होती है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति में भी यही नियम अपनाए जाते हैं.



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