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Himachal Electricity Board employees boycotted work for two hours ann


Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड कर्मचारी, अभियंता और पेंशनर्ज की ज्वाइंट एक्शन कमेटी के आह्वान पर शुक्रवार को पूरे प्रदेश में दो घंटे तक काम का बहिष्कार किया. इस दौरान बिजली बोर्ड में पदों को समाप्त करने का विरोध किया गया.

साथ ही मांग की गई है कि सरप्लस पुल में डाले गए सभी पदों को बहाल किया जाए. फ्रंट का कहना है कि अगर प्रदेश सरकार और बोर्ड प्रबंधन से कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आते हैं, तो 24 फरवरी को हिमाचल प्रदेश के सभी बिजली कर्मचारी और अभियंता सामूहिक अवकाश (Mass Casual Leave) पर जाएंगे.

ज्वाइंट एक्शन कमेटी के संयोजक लोकेश ठाकुर और सह-संयोजक हीरा लाल वर्मा ने आरोप लगाया कि यह प्रबंधन का एकतरफा फैसला है. इसकी प्रक्रिया तर्कसंगत नहीं थी. इन समाप्त किए पदों में जहां कर्मचारियों की पदोन्नति प्रभावित होगी. वहीं, कार्यस्थल पर कर्मचारियों के ऊपर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि जहां बिजली बोर्ड में नए पद सृजित कर भरने की जरूरत है, वहां प्रदेश सरकार इसके विपरीत बोर्ड में विद्यमान पदों को ही समाप्त करने में लगी है.

कर्मचारियों में प्रबंधन के खिलाफ भारी रोष 
ज्वाइंट एक्शन कमेटी का कहना है कि सरकार के पास बोर्ड में 1 हजार पदों को भरने का लिया गया फैसला एक साल से लंबित है. फ्रंट ने खेद जताया कि आज बिजली बोर्ड में विभिन्न श्रेणी के करीब 700 पदों को सरप्लस कर दिया गया है, जबकि 51 पदों को पहले ही समाप्त किया गया है. इसके अलावा 81 आउटसोर्स कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है.

बिजली बोर्ड के प्रवक्ता ने क्या कहा?
गुरुवार (6 फरवरी)को ही बिजली बोर्ड के प्रवक्ता का स्पष्टीकरण सामने आया. बिजली बोर्ड के प्रवक्ता के मुताबिक, राज्य सरकार की ओर से बोर्ड में किसी भी पद को खत्म करने का कोई फैसला नहीं लिया गया है. सिर्फ नियामक आयोग के कहने पर सैलरी और पेंशन पर प्रति यूनिट होने वाले खर्च को कम करने की कोशिश की जा रही है. बिजली बोर्ड के प्रवक्ता अनुराग पराशर ने कहा कि बोर्ड के जेनरेशन विंग में 2 हजार पद हैं. इनमें जेई के 148 पद, एसडीओ के 102 पद, एक्जीक्यूटिव इंजीनियर के 19 पद, सुपरिटेंडेंट इंजीनियर के छह पद और चीफ इंजीनियर का एक पद शामिल है, जबकि कंपनी का मुख्य काम अब बिजली उत्पादन नहीं रह गया है.

इन पदों की नहीं है जरूरत 
इनमें सिविल एसडीओ (सिविल) के 7 पद, जेई (सिविल) के 30 पद और एसडीओ (इलेक्ट्रिक) के 15, जेई (इलेक्ट्रिक) के 16, एक्सन (इलेक्ट्रिक) और एसई (इलेक्ट्रिक) के एक-एक पद को एडजस्ट किया गया है. इसके अलावा मिस्त्री, डीजी ऑपरेटर, वेल्डर, टेलीफोन एटेंडेंट, गेज रीडर, कुक और फैरो प्रिंटर जैसे पदों की आज कोई जरूरत नहीं रह गई है. इन पदों की जगह टी-मैट के पद भरे जाएंगे. यह फैसला बिजली बोर्ड के हित में है.

शुक्रवार (7 फरवरी) को वर्चुअल बैठक में लिए गए अहम फैसले

शुक्रवार को बिजली बोर्ड कर्मचारियों, अभियंता और पेंशनर्ज में भारी आक्रोश को देखते हुए सुबह नौ बजे ज्वाइंट एक्शन कमेटी-बिजली बोर्ड कर्मचारी, अभियंता और पेंशनर्ज की वर्चुअल बैठक हुई. इसके कई अहम फैसले लिए गए हैं.

1. पदों को स्माप्त करने के खिलाफ दोपहर बाद दो बजे से चार बजे तक (शिफ़्ट ड्यूटी को छोड़कर) सभी कर्मचारी व अभियंता काम का बहिष्कार करेंगे.

2. अब से बिजली कर्मचारी व अभियंता वर्क टू रूल्स के तहत काम करेंगे.

3. 10 फरवरी को पूरे प्रदेश में बिजली कर्मचारी और अभियंता काले बिले पहनकर एकतरफा युक्तिकरण का विरोध करेंगे.

4. 11 फरवरी को हमीरपुर जिला में सात मांगों पर जिला बिजली पंचायत का आयोजन किया जाएगा. इसके बाद अन्य जिलों में भी जिला बिजली पंचायत का आयोजन होगा, जिसकी घोषणा हमीरपुर से की जाएगी.

5. यदि प्रदेश सरकार और बोर्ड प्रबंधन से कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आते हैं, तो 24 फरवरी को हिमाचल प्रदेश के सभी बिजली कर्मचारी और अभियंता सामूहिक अवकाश पर जाएंगे.

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