Himachal CM Sukhvinder Singh Sukhu on financial situation of state said on job ANN
Himachal Pradesh News: पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के लिए आर्थिक मोर्चे पर कई बड़ी चुनौतियां इंतजार कर रही हैं. हिमाचल प्रदेश के लिए आर्थिक लिहाज से आने वाला वक्त बहुत बड़ी चुनौतियों लेकर आ रहा है. हिमाचल प्रदेश को मिलने वाली रिवेन्यू डिफिसिट ग्रांट- RDG टेपर फार्मूला के तहत हर वित्त वर्ष में कम हो रही है. ऐसे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार को चिंता सता रही है. इससे पहले साल 2024 में हिमाचल प्रदेश में सरकार की खराब आर्थिक स्थिति ने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी और सरकार को परेशानी का सामना करना पड़ा.
घट रही RDG बनी है चिंता की वजह
साल 2021-22 में राज्य को 10 हजार 249 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा अनुदान यानी आरडीजी मिला, जो साल 2023-24 में घटकर 6 हजार 258 करोड़ रुपये रह गया. अगले वित्त वर्ष में इसके घटकर 3 हजार 257 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.
इस बारे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व दिवस पर आयोजित समारोह के दौरान माना कि अगला वित्तीय वर्ष चुनौतीपूर्ण है, साथ ही कहा कि राज्य के लोगों के सहयोग और देवताओं के आशीर्वाद से इन चुनौतियों पर काबू पा लिया जाएगा. पिछली बीजेपी सरकार ने हिमाचल प्रदेश के राजस्व को बढ़ाने के बारे में नहीं सोचा. कांग्रेस सरकार ने आबकारी, पर्यटन, ऊर्जा और खनन नीतियों में सुधारों से 2 हजार 200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व कमाया है, जो राज्य के इतिहास में पहली बार हुआ है.
बेरोजगारी कम करना भी सरकार के लिए चुनौती
आर्थिक मोर्चे के साथ राज्य के युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाना भी सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती है. हिमाचल प्रदेश में मौजूदा वक्त में 4.4 फ़ीसदी बेरोजगारी दर है. राज्य सरकार ने सत्ता में आने से पहले मंत्रिमंडल की पहली ही बैठक में एक लाख रोजगार देने का वादा किया था. पांच साल तक पांच लाख सरकारी रोजगार देने की बात कही गई थी. ऐसे में यह भी सरकार के लिए बड़ी चुनौती है.
रोजगार को लेकर CM सुक्खू ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आने वाले वक्त में प्रदेश के युवाओं के रोजगार के संबंध में भी बड़ी बात कही. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी क्षेत्र में रोजगार सीमित ही है, लेकिन सरकार इस दिशा में तेजी से कम कर रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के तहत पांच सालों में 20 हजार की तुलना में पिछले दो सालों में 42 हजार से ज्यादा नौकरियां दी हैं. सरकारी क्षेत्र में 12 हजार 500 से ज्यादा पद भरे गए हैं, जिनमें प्रारंभिक शिक्षा विभाग में 3 हजार 202 पद शामिल हैं. साल 2025 में आठ हजार नए पद भरे जाएंगे.
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