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Heavy rain continues in Madhya Pradesh gates of dams are being opened ann


Madhya Pradesh Rain: मध्य प्रदेश में झमाझम बारिश का दौर जारी है. लगातार बारिश से बांधों में पानी बढ़ रहा है. बांधों में पानी का लेवल मेंटेन करने के लिए प्रशासन की तरफ से बांधों के दो-तीन गेट खोले जा रहे हैं तो वहीं, तटीय क्षेत्रों में प्रशासन अलर्ट पर है. प्रशासन ने लोगों से तटीय क्षेत्रों से दूरी बनाकर रखने की भी अपील की है.

मध्य प्रदेश के कई जिलों में पिछले तीन दिनों से लगातार अच्छी बारिश हो रही है. बारिश की वजह से नदी-तालाबों और बांधों में लगातार जलस्तर बढ़ता जा रहा है. आज भी राजधानी भोपाल, सीहोर सहित प्रदेश के कई जिलों में बारिश हो रही है तो वहीं मौसम विभाग ने भी 15 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. भारी बारिश की वजह से बांधों में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, लेवल बनाने के लिए प्रशासन ने अब बांधों के गेट खोलना शुरू कर दिए हैं.

छिंदवाड़ा में खोले गए गेट

छिंदवाड़ा जिले में दो दिनों से अच्छी बारिश हो रही है. पिछले 24 घंटे के दौरान जिले के अमरवाड़ा और तामिया में 3 इंच से ज्यादा बारिश दर्ज की गई. पेंच प्रोजेक्ट के अधिकारी ने संतराम के अनुसार लेवल मेंटेन करने के लिए माचागोरा डैम के 2 गेट खोल दिए है. डेम का लेवल फिलहाल 623.30 मीटर पर पहुंच गया है. 623 मीटर का लेवल मेंटेन किया जा रहा है. बता दें कि माचागोरा डैम के कुल 8 गेट है.

बारना डैम भी हुआ लबालब

रायसेन जिले में भी जोरदार बारिश का दौर जारी है, जिससे बारना डेम लबालब हो गया है. पानी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. बारना बांध के 4 गेट 2 मीटर तक खोले गए हैं. इन दो गेटों के माध्यम से 18 हजार क्यूसेक पानी रिलीज किया जा रहा है. बारना नदी के उफान पर आने की संभावना को देखते हुए एसडीएम सन्तोष मुद्गल ने स्टाफ को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं.

कोलार के भी खोले दो गेट

सीहोर जिले में भी लगातार बारिश हो रही है. बारिश की वजह से कोलार डेम का जलस्तर बढ़ रहा है. डैम में पानी का लेवल मेंटेन करने के लिए डैम के दो गेट खोले गए हैं. कलेक्टर प्रवीण सिंह और कोलार डैम के कार्यपालन यंत्री हर्ष जैनवाल ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वो कोलार नदी, कोलार नहर और कोलार बांध के प्रभावित इलाकों में न जाएं. 

मध्यप्रदेश में कुल14 बांध

मध्यप्रदेश में 14 बांध हैं, जिनमें तवा डैम नर्मदापुर, कुंडालिया डैम रजागढ़, बरगी डैम जबलपुर, कलियासोत डैम भोपाल, टिल्लर डैम शाजापुर, तिघरा डैम शाजापुर, संजयसागर डैम विदिशा, गोपीकृष्ण डैम गुना, मोहनपुर डैम राजगढ़, ओंकारेश्वर डैम खंडवा, इंदिरा सागर डैम खंडवा, गांधीसागर डैम मंदसौर, बाणसागर डैम शहडोल और कोलार डैम सीहोर हैं. लगभग सभी डैम 2 से 10 मीटर तक ही खाली रह गए हैं.

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