Haryana Budget Session 2025 Seed Haryana Amendment Bill 2025 passed in Assembly imprisonment and fine CM Nayab Singh Saini
Haryana Assembly Budget Session 2025: हरियाणा विधानसभा में बजट सत्र के 9वें दिन सदन में हंगामे के बीच ही कई अहम विधेयक पारित किए गए. विधानसभा में हरियाणा सरकार ने पुराने बीज अधिनियम में संशोधन करके पहले से ज्यादा सजा और जुर्माने का प्रावधान करते हुए बीज (हरियाणा संशोधन) विधेयक 2025 पास किया है. इसके बाद राज्यपाल की स्वीकृति और अधिसूचना के बाद ये कानून का रूप ले लेगा.
बीज (हरियाणा संशोधन) विधेयक 2025 के पारित किए जाने की जानकारी देते हुए सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा, “अब सरकार नकली और मिलावटी बीज विक्रेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी. दोष सिद्ध होने पर बीज-उत्पादक और विक्रेता को छह माह से तीन साल तक की जेल हो सकती है. साथ ही 50 हजार से पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है.”
आज सदन में बीज हरियाणा संशोधन विधेयक-2025 पारित किया गया है।
अब नॉन-स्टॉप सरकार नकली और मिलावटी बीज विक्रेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।
दोष सिद्ध होने पर बीज-उत्पादक और विक्रेता को 6 माह से 3 वर्ष तक की जेल हो सकती है। साथ ही ₹50 हजार से ₹5 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान… pic.twitter.com/0YNjCWVZTG
— Nayab Saini (@NayabSainiBJP) March 20, 2025
मजबूरी में खराब बीज खरीद रहे किसान
दरअसल, बीज गुणवत्ता को नियंत्रित करने के लिए कानून तो पहले भी बना हुआ है, लेकिन उसमें सजा और जुर्माने की राशि कम होने के कारण नकली, मिलावटी और गुणवत्ताहीन बीज बेचने वालों में डर कम था. साथ ही गुणवत्ताहीन बीजों की बिक्री एवं वितरण पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है. इस स्थिति के कारण किसान मजबूरीवश घटिया बीज खरीद रहे हैं, जिससे उत्पादन क्षमता प्रभावित हो रही है.
इसके अलावा फसलों की लागत बढ़ने के साथ-साथ राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को भी क्षति पहुंच रही है. ऐसे में सरकार ने नए संशोधित कानून के तहत नकली बीज बनाने वाली कंपनी और ऐसे बीज विक्रेता दोनों के खिलाफ कड़े प्रावधान किए हैं.
पहले क्या था कानून?
बता दें बीज अधिनियम साल 1966 में लागू किया गया और वर्ष 1972 में संशोधित किया गया. भारत सरकार द्वारा बीज अधिनियम, 1966 का उद्देश्य खाद्य फसलों, तिलहनों, फल-सब्जियों, कपास, पशुओं के चारे और जूट आदि के बीजों की गुणवत्ता को नियंत्रित करना था ताकि किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध हो सकें.