Gyanvapi Survey Case: High Court Asked For Technical Information, Ban On Survey Till Decision – ज्ञानवापी परिसर सर्वे केस : हाईकोर्ट ने तकनीकी जानकारी मांगी, फैसला आने तक ASI के सर्वे पर रोक
चीफ जस्टिस ने हिंदू पक्ष से वकील से सवाल किया कि, क्या आप वाराणसी जिला अदालत के 21 जुलाई के आदेश से संतुष्ट हैं? इस पर वकील विष्णु जैन ने सहमति जताई.
चीफ जस्टिस ने एएसआई के एक्सपर्ट को डायस पर बुलाया और रडार इमेजिन मैथड के बारे में जानकारी मांगी. अधिकारी ने सर्वे विधि में शामिल तकनीकीक के बारे में बताया.
चीफ जस्टिस ने पूछा कि इस पद्धति की सफलता की दर क्या है? एएसआई अधिकारी ने कहा कि, इससे जमीन में 10 मीटर तक गहराई तक की सर्वे किया जा सकता है और चीजें मिट्टी पर भी निर्भर करती हैं.
एएसआई ने अदालत में हलफनामा दायर किया. उसने कहा कि वह इस मामले में अपनी दलीलों सहित एक हलफनामा दाखिल कर रही है.
एएसआई अधिकारी ने अदालत से कहा कि, हमने सर्वेक्षण का काम सोमवार (24 जुलाई) सुबह 9 बजे शुरू किया. चीफ जस्टिस ने पूछा कि आपने कितना काम किया है? अधिकारी ने कहा कि, हमने तो अभी शुरुआत की है. हम सटीक साइट नहीं जानते.
चीफ जस्टिस ने कहा कि, मान लीजिए कि 5 प्रतिशत काम हो चुका है. आपकी टीम वहां है. आप और कितना समय लेंगे? अधिकारी ने जवाब दिया, हम 31 जुलाई तक कोशिश कर सकते हैं. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि, कोशिश मत करो. संरचना को कोई नुकसान पहुंचाए बिना इसे 31 तारीख तक करें.
चीफ जस्टिस ने एएसजीआई से कहा, क्या टीम अभी भी साइट पर है? अभी शाम के 5 बजे हैं, उन्हें तोड़फोड़ या खुदाई शुरू नहीं करनी चाहिए. चीफ जस्टिस ने एएसआई अधिकारियों को टीम को सूचित करने का निर्देश दिया.
एएसआई के अधिकारी ने अंडरटेकिंग पढ़ा. अब बिना ढांचे को क्षति पहुंचाए सर्वे करेंगे. रडार सर्वे और GPR सर्वे करने के लिए आईआईटी दिल्ली से टीम बुलाई गई है.
चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने एएसआई अधिकारी को टीम को सूचित करने का निर्देश दिया कि भले ही शाम के 5 बजे हों (और सुप्रीम कोर्ट का 24 जुलाई का आदेश समाप्त हो गया है), उन्हें खुदाई, तोड़फोड़ शुरू नहीं करनी चाहिए.
कोर्ट ने कहा कि उन्हें कुछ तकनीकी जानकारी चाहिए. इस मामले में सुनवाई कल फिर जारी रहेगी. फैसला आने तक ASI कोई सर्वे नहीं करेगा.
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