Gurugram News Aravalli Area Affected By Mining Will Be Revitalized New Plan Made In District Level Meeting
Gurugram News: अरावली क्षेत्र को संरक्षित रखने तथा गैर कानूनी खनन कार्य बंद करवाने के लिए जिलास्तर पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल के निर्देश अनुसार डीसी निशांत कुमार यादव ने कहा कि एक कार्ययोजना तैयार की गई है और शीघ्र इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा. उपायुक्त कार्यालय में खनन के कारण अरावली के प्रभावित हुए इलाके को संरक्षित रखने तथा इसे पुन: उसके मूलस्वरूप में लाने के लिए बनाए गए प्रोजेक्ट को लेकर एक बैठक आयोजित की गई.
डीसी निशांत कुमार यादव ने इस बैठक में बताया कि अरावली की पहाड़ियों में अवैध रूप से खनन कार्य किए जाने तथा मिट्टी की खुदाई होने के कारण इसका प्राकृतिक स्वरूप बिगड़ रहा थ. इस क्षेत्र के पुनरोद्धार को लेकर एनजीटी ने कुछ निर्देश जारी किए थे. जिस पर डीसी की अध्यक्षता में एक जिलास्तरीय कमेटी बनाकर अरावली में खनन से प्रभावित हुए क्षेत्र का पुनरोद्धार करने का निर्णय लिया गया था. जिला वन अधिकारी राजीव तेजियान ने आज यह प्लान डीसी के समक्ष प्रस्तुत किया.
डीसी निशांत कुमार यादव ने बताया कि इस प्लान के अनुसार अरावली क्षेत्र में निगरानी के लिए ड्रोन लिए जाएंगे. इसके अलावा यहां होमगार्ड तैनात करने पर भी विचार किया जा रहा है. अवैध खनन के कारण प्रभावित हुए गैरतपुर बास, कादरपुर, बालियावास तथा रिठोज में पांच क्षेत्र चिन्हित किए गए हैं. इन सभी में आवागमन के आम रास्तों को बंद किया जाएगा. यहां प्राकृतिक रूप से होने वाली वनस्पति पौधों के बीजों का छिडक़ाव किया जाएगा, जिससे कि यह इलाका दोबारा से हरा-भरा बन सके.डीसी ने आदेश दिए कि इन क्षेत्रों में चेतावनी के साइन बोर्ड भी लगाए जाएं, जिससे कि फिर यहां कोई मिट्टी या पत्थर की खुदाई ना करे. भविष्य में किसी व्यक्ति ने यहां मशीनें, ट्रैक्टर अथवा जेसीबी चलाई तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी.
इस बैठक में डीसी निशांत कुमार यादव ने कहा कि अरावली जीर्णोद्घार बोर्ड की बैठक करते हुए कहा कि माइनिंग एरिया में प्रशासनिक अधिकारी समय-समय पर निरीक्षण करें कि कहीं अवैध रूप से खनन कार्य या ओवरलोड वाहन तो नहीं चल रहे हैं. जिला खनन अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि ओवरलोडिंग की चार गाडिय़ां पकड़ कर उन पर 6 लाख 30 हजार रूपए का जुर्माना किया गया है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी विजय चौधरी ने बताया कि सभी धर्मकांटों पर ई-रवाना बिल बनाने का नया जियोलॉजिकल सिस्टम लगाया गया है. जिससे कि बिल के साथ गाड़ी की फोटो भी आएगी और जहां से ड्राइवर खनन सामग्री भरेगा, वहीं का बिल बन सकेगा.
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