Gujarat Congress Working President Ambarish Der And MLA Arjun Modhwadia Quit – गुजरात : राहुल गांधी के पहुंचने से पहले डेर और मोढवाडिया का इस्तीफा, राम मंदिर पर पार्टी के निर्णय से थे नाराज
पोरबंदर सीट से विधायक मोढवाडिया ने सोमवार शाम गांधीनगर में गुजरात विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी को विधानसभा सदस्यता से अपना इस्तीफा सौंपा. विधानसभाध्यक्ष के कार्यालय ने इस्तीफा स्वीकार किए जाने की पुष्टि की.
मोढवाडिया ने बाद में पत्रकारों से कहा कि उन्होंने कांग्रेस से सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.
गुजरात में सबसे वरिष्ठ और सबसे प्रभावशाली विपक्षी नेताओं में से एक मोढवाडिया (67) लगभग 40 वर्ष तक कांग्रेस से जुड़े रहे. वह विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष भी रहे. मोढवाडिया ने 2022 के चुनावों में पोरबंदर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के दिग्गज नेता बाबू बोखिरिया को हराया था. मोढवाडिया के इस्तीफे के साथ ही 182 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या घटकर 14 रह गई है.
4 महीनों में इस्तीफा देने वाले तीसरे विधायक
मोढवाडिया पिछले चार महीनों में चिराग पटेल और सीजे चावड़ा के बाद इस्तीफा देने वाले कांग्रेस के तीसरे विधायक हैं. पटेल ने दिसंबर और चावड़ा ने जनवरी में इस्तीफा दिया था.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को संबोधित एक पत्र में, मोढवाडिया ने कहा कि अयोध्या में ‘बालक राम’ के ‘प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव’ के निमंत्रण को अस्वीकार करके, पार्टी नेताओं ने न केवल भारत की जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचाई, बल्कि पार्टी लोगों की भावनाओं का आकलन करने भी विफल रही.”
मोढवाडिया ने कहा कि उन्होंने 11 जनवरी को इस मुद्दे पर अपनी ‘असहमति’ व्यक्त की थी.
उन्होंने कहा, ‘जिस तरह से कांग्रेस पार्टी ने अयोध्या में महोत्सव का बहिष्कार करके भगवान राम का अपमान किया, उससे उनके जैसे कई लोग आहत थे.”
क्यों अलग हो रहे नेता, कांग्रेस करे निरीक्षण : मोढवाडिया
मोढवाडिया ने कहा कि अब वह राहत महसूस कर रहे हैं. मोढवाडिया ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस से इस बात के लिए आत्मनिरीक्षण करने को कहा है कि उनके जैसा वरिष्ठ नेता पार्टी से क्यों अलग हो गया.
मोढवाडिया ने गांधीगर में पत्रकारों से कहा, ‘जब कोई पार्टी लोगों के साथ अपना संबंध खो देती है, तो वह एक एनजीओ बन जाती है. मैंने तब भी आवाज उठाई थी जब कांग्रेस ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण का अपमान किया था. मैंने नेताओं से कहा था कि इस तरह के फैसलों से हमें नुकसान होगा. मैंने अपनी भावनाओं से नेतृत्व को अवगत कराने की कोशिश की, लेकिन मैं असफल रहा.”
इससे पहले दिन में, डेर ने भी प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होने के कांग्रेस नेतृत्व के फैसले का जिक्र किया. डेर ने कहा कि वह बिना किसी उम्मीद के भाजपा में शामिल होंगे और सत्तारूढ़ पार्टी ने उनसे कोई वादा नहीं किया है. डेर (46) ने दावा किया कि यह उनके लिए ‘घर वापसी’ होगी क्योंकि वह अतीत में भाजपा के साथ थे और जब वह छोटे थे तो उन्होंने इसके लिए बड़े पैमाने पर काम किया था.
किसी का नाम लिए बिना डेर ने कहा कि नेताओं को यह समझना चाहिए कि एक राजनीतिक दल को एक एनजीओ की तरह व्यवहार नहीं करना चाहिए.
कांग्रेस नेताओं का मंदिर न जाने का फैसला उचित नहीं : डेर
उन्होंने कहा, ‘जब इतना भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हुआ और लोगों का 500 साल से अधिक का इंतजार आखिरकार खत्म हुआ, तो कांग्रेस नेताओं का मंदिर न जाने का फैसला उचित नहीं था. मैंने उस समय भी यह मुद्दा उठाया था.’
उन्होंने कहा, ‘मैं किसी की आलोचना नहीं कर रहा हूं. भगवान राम सभी के पूजनीय हैं और एक राजनीतिक दल को सभी की आस्था का सम्मान करना चाहिए. जब ऐसा नहीं हुआ तो मैंने कांग्रेस छोड़ने का फैसला लिया.’
डेर ने 2017 से 2022 तक अमरेली जिले की राजुला विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक थे.
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