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Greator Noida Yamuna Expressway builders home buyers suffer losses due negligence Thousands people not got flats


Noida News: यमुना एक्सप्रेसवे में नोएडा, ग्रेनो, ग्रेटर नोएडा वेस्ट में लोगों ने अपनी पूरी कमाई फ्लैट खरीदने में झोंक दी. बिल्डरों ने लोगों से कई बड़े-बड़े वादे करने के बाद उनसे मोटी रकम लेकर भाग निकले. सभी बिल्डरों ने लोगों को अलग-अलग प्रोजेक्ट के नाम पर लूटा. इन बिल्डरों ने सिर्फ घर खरीददारों को ही चूना नहीं लगाया बल्कि अथॉरिटी को भी चूना लगाया. अब बिल्डरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई होने जा रही है. लेकिन इससे घर खरीदने वालों को सजा मिल सकती है.

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी को ऐसे बिल्डरों की अलॉटमेंट कैंसिल करने का निर्देश दिया है. जिन बिल्डरों ने अथॉरिटी का बकाया नहीं चुकाया है. कुछ दिन पहले अथॉरिटी ने एक ऑफर निकाला था कि अथॉरिटी की 25 फीसदी बकाया राशि को जमा करके बिलडर्स रजिस्ट्री करवा सकते हैं. इस ऑफर का फायदा कई बिलडर्स  ने उठाया भी था. वहीं कुछ बिल्डर्स ने इसका फायदा नहीं उठाया. जिसके बाद उन पर कार्रवाई  शुरू करने का निर्देश भी दिया गया है. 

हजारों लोगों को नहीं मिला आज भी फ्लैट
राज्य सरकार की तरफ से बिल्डरों को 60 दिन का समय का दिया गया था, जिसमें उनको यह कहा गया था कि वह रिबेट का लाभ लें और अपना बकाया चुका दें. अगर बिल्डर 60 दिन के भीतर इस ऑफर का लाभ नहीं उठा पाते उनका अलॉट हुई जमीन कैंसिल हो सकती है. समय-सीमा समाप्त हो चुकी है और अब कभी भी आपके बिल्डर का लैंड अलॉटमेंट कैंसिल किया जा सकती है.कई लोगों को तो फ्लैट मिल गया है, लेकिन आज तक उसकी रजिस्ट्री नहीं हो पाई है. वहीं आज तक एैसे भी खरीददार है जिन्होंने आज तक अपने फ्लैट भी नहीं देखे है. 

बिल्डरों के पास दिसंबर में आया था नोटिफिकेशन
बिल्डरों को जो नोटिफिकेशन भेजा गया था उसमें बिल्डरों को 60 दिन में 25 फीसद बकाया चुकाने का निर्देश दिया गया था. अगर बिल्डर तय तिथि के बीच बकाया राशि चुका देते तो उनके प्रोजेक्ट में घरो की रजिस्ट्री शुरु हो जाती. अब तय तिथि पूरी होने के बाद राज्य सरकार ने अथॉरिटी को सरकार की तरफ से चिट्ठी भेजकर ऐसे बिल्डरों का लैंड अलॉटमेंट कैंसिल करने का निर्देश दिया गया है. सरकार ने बिल्डरों को इतनी राहत दी थी कि कोरोना में दो साल के ब्याज भी माफ कर दिया था. इसके बाद भी बिल्डरों ने अपने घर खरीदारों को राहत देने के लिए कुछ नहीं किया.

ग्रेटर नोएडा का सबसे बुरा हाल
ग्रेटर नोएडा के क्षेत्र में काम करने वाले 97 बिल्डरों में से 40 ने इस योजना का लाभ लेकर अपने बकाए चुकाने की बात कही. जिससे उनके प्रोजेक्ट में रजिस्ट्री की मांग कर रहे घर खरीदारों को राहत की सांस मिल सके. लेकिन केवल 16 बिल्डरों ने ही किस्त चुकाई थी. जिससे अथॉरिटी को कुल 73 करोड़ रुपये मिले. वहीं अब तक कुल 1300 फ्लैटों की रजिस्ट्री हो पाई.

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