Gorakhpur Meeting Mutawalli Action Committee appeal made take out peaceful environment Muharram procession ann
Gorakhpur News: गोरखपुर में मुतवल्ली एक्शन कमेटी की बैठक में वरिष्ठ काउंसलर खैरूल बशर ने कहा कि मुहर्रम में खलल डालने वाले असामाजिक तत्वों को ठीक करने के लिए पुलिस को मुस्तैद रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कहा कि मुहर्रम के जुलूस के मुतवल्लियों ने हमेशा से प्रशासन का साथ देते हुए शासन के गाइडलाइन का पालन करते हैं. बशर ने कहा कि मुहर्रम के जुलूस रूट मैप के मुताबिक ही निकाला जाएगा. बैठक में मौजूद शहर कोतवाल विजय कुमार सिंह ने कहा कि मुहर्रम को लेकर पुलिस और प्रशासन के गाइडलाइन पर ही पुराने परंपरा के मुताबिक ही जुलूस निकालें.
गोरखपुर में रविवार को मुहर्रम को लेकर इमाम चौक मुतवल्ली एक्शन कमेटी की बैठक कमेटी अध्यक्ष अब्दुल्लाह की अध्यक्षता में हुई. इसमें क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों एवं गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया. इस मौके पर सर्वसम्मति से मुहर्रम पर्व को आपसी सौहार्द के साथ मनाने का निर्णय लिया गया. मुहर्रम के दौरान सामाजिक सद्भाव बनाए रखने के साथ प्रशासन को पर्याप्त सहयोग की अपील की गई.
‘जुलूस-ताजिया के सुरक्षा पर कड़ा पहरा’
बैठक को संबोधित करते हुए थाना तिवारीपुर की थाना प्रभारी राजकुमारी शुक्ला ने कहा कि मुहर्रम को ध्यान में रखते हुए पुलिस व्यवस्था पूरे तौर पर जुलूस को लेकर मुस्तैद है. उन्होंने सोशल मीडिया पर भ्रामक पोस्ट न डालने समेत कई तरह के एहतियात बरतने की अपील की गई है. बैठक में थाना राजघाट के थाना प्रभारी इत्यानंद पांडेय ने कहा कि मुहर्रम को लेकर पुलिस और प्रशासन के सहयोग से जुलूस-ताजिया पर सुरक्षा का कड़ा पहरा रहेगा. उन्होंने कहा कि मुहर्रम जुलूस सभी के सहयोग से पुराने रवायत के तहत ही निकाले जाएंगे.
इस मौके पर कमेटी के कन्वीनर हाजी कलीम अहमद फरजंद ने कहा कि इस्लाम धर्म के मानने वाले लोग मुहर्रम को गम का महीना मनाते हैं. मुहर्रम, बकरीद के 20 दिन बाद में मनाया जाता है. कमेटी सचिव शकील अहमद अंसारी ने कहा कि मुहर्रम का महीना इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. क्योंकि इसी महीने में हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी. इस अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी शमशाद आलम राईन ने कहा कि मुहर्रम का त्योहार हजरत इमाम हुसैन की याद में मनाया जाता है.
‘सोशल मीडिया पर भ्रामक पोस्ट न डालें’
इस त्योहार को शांतिपूर्ण वातावरण में मनाएं. वरिष्ठ समाजसेवी मुहम्मद आसिम खान ने कहा कि हजरत इमाम हुसैन इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मोहम्मद साहब के नवासे थे. उनकी शहादत की याद में मुहर्रम के महीने में जुलूस निकाला जाता है. कमेटी के अध्यक्ष अब्दुल्ला ने कहा कि मुहर्रम पर निकलने वाले अलम का जुलूस और ताजिये को ध्यान में रखकर बैठक की गई. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर भ्रामक पोस्ट न डालें.
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