Giriraj Singhs Claim – Lalu Will Soon Remove Nitish From The Post Of Chief Minister – गिरिराज सिंह का दावा- लालू जल्द ही नीतीश को मुख्यमंत्री पद से हटा देंगे

पटना में पत्रकारों से बात करते हुए, सिंह ने आरोप लगाया कि प्रसाद अपने बेटे और वर्तमान उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को बिना किसी देरी के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर देखना चाहते हैं और इस बात की ‘200 प्रतिशत’ संभावना है कि जदयू नेता मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे और तेजस्वी के लिए उन्हें गद्दी छोड़नी होगी.
गिरिराज सिंह ने कहा कि उनकी हाल में प्रसाद से बातचीत हुई थी और इस दौरान उन्होंने महसूस किया कि प्रसाद के दिमाग में क्या चल रहा है. गिरिराज सिंह ने पिछले सप्ताह इसी तरह यह दावा करके खलबली मचा दी थी कि राजद अध्यक्ष ने एक हवाई यात्रा के दौरान उनसे यादव को जल्द से जल्द मुख्यमंत्री के रूप में देखने की इच्छा जताई थी.
भाजपा नेता ने दावा किया, ”काफी समय से (महागठबंधन में) आंतरिक शीत युद्ध चल रहा है.” उन्होंने कहा, “ लालू यादव ने पूरा चक्रव्यूह रच दिया है. पहला चक्रव्यूह- अवध बिहारी चौधरी को बिहार विधानसभा का अध्यक्ष बनाना था….”
सिंह ने दावा किया, “अब नीतीश कुमार खुद को ‘चक्रव्यूह’ में फंसा हुआ पाते हैं. अविश्वास प्रस्ताव में मुख्यमंत्री को हराने के लिए राजद को केवल कुछ जदयू विधायकों के समर्थन की आवश्यकता है. खुद को अपमान से बचाने के लिए, कुमार के पास केवल एक ही विकल्प बचा है कि वह पद छोड़ दें, अपनी पार्टी का राजद में विलय करने पर सहमत हों जाएं और तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनने में मदद करें.”
हालांकि, जब गिरिराज सिंह का ध्यान राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की अटकलों की ओर दिलाया गया और पूछा गया कि राजद-जदयू गठबंधन के कई नेता इन अटकलों को हवा देने में ‘भाजपा का हाथ’ होने का आरोप लगा रहे हैं, तो केंद्रीय मंत्री भड़क गए.
उन्होंने कहा, “जदयू में जो कुछ भी चल रहा है, उससे भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है. हमें नहीं पता कि ललन इस्तीफा देंगे या नहीं. हालांकि अगर ऐसा हो भी जाए तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी.” सिंह ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार अपने लोगों पर लंबे समय तक भरोसा नहीं करने के लिए जाने जाते हैं.
उन्होंने यह भी दावा किया “जदयू ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है, यही कारण है कि वह अपने आंतरिक संकट के लिए भाजपा को दोषी ठहरा रही है. मैं यह भी स्पष्ट करना चाहता हूं कि नीतीश कुमार के साथ हमारे दोबारा गठबंधन की कोई संभावना नहीं है.
नीतीश कुमार ने पिछले साल अगस्त में भाजपा पर जदयू में विभाजन की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए उससे गठबंधन तोड़ दिया था और ‘महागठबंधन’ में शामिल हो गए थे जिसमें कांग्रेस और वामपंथी दल भी सम्मिलित हैं.
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