Ganga Pollution In Varanasi: NGT Fines Chief Environment Officer – वाराणसी में गंगा प्रदूषण: एनजीटी ने मुख्य पर्यावरण अधिकारी पर जुर्माना लगाया
नई दिल्ली:
वाराणसी में गंगा नदी को प्रदूषित करने वाले लोगों और संस्थाओं पर पर्यावरणीय मुआवजा लगाने संबंधी राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश का पालन नहीं करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्य पर्यावरण अधिकारी पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
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अधिकरण पूर्वी उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में विभिन्न स्थानों पर नदी में घरेलू और औद्योगिक अपशिष्ट जल छोड़े जाने के संबंध में एक मामले की सुनवाई कर रहा था. इससे पहले इसी साल 16 फरवरी को अधिकरण ने वाराणसी नगर निगम की रिपोर्ट पर गौर किया था, जिसके मुताबिक 10 करोड़ लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) अपशिष्ट जल नदी में छोड़ा जा रहा था.
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने कहा था कि चार सप्ताह के भीतर दोषी संस्था या लोगों पर पर्यावरणीय मुआवजा (ईसी) लगाया जाएगा. अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने चार अप्रैल को पारित एक आदेश में कहा कि बोर्ड ने दो अप्रैल को एक नई रिपोर्ट दायर की थी.
पीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल भी शामिल हैं. पीठ ने कहा कि नई रिपोर्ट राज्य के सर्किल- 6 (वाराणसी, गोरखपुर, आजमगढ़ और बस्ती) के मुख्य पर्यावरण अधिकारी, घनश्याम द्वारा जारी की गई थी.
इसने कहा कि बोर्ड के यह कहने के बावजूद कि चार सप्ताह के भीतर जुर्माना लगाया जाएगा, संबंधित प्राधिकारी कार्रवाई करने में विफल रहे. पीठ ने कहा कि पूछे जाने पर यूपीपीसीबी ने कहा कि अधिकरण के फैसले से संबंधित अधिकारियों को विधिवत अवगत करा दिया गया है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)