G20 Negotiators Focus On Building Consensus On Draft Leaders Declaration – G20 वार्ताकारों का ध्यान नेताओं की घोषणा के मसौदे को लेकर आम सहमति बनाने पर
शेरपाओं की तीन दिवसीय बैठक हरियाणा के नूंह जिले के आईटीसी ग्रैंड भारत होटल में हो रही है. बैठक की अध्यक्षता भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत कर रहे हैं. मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि चीन को एजेंडे की बातों के विभिन्न पहलुओं पर आपत्ति है जिसके परिणामस्वरूप आम सहमति बनाने में कठिनाइयां हो रही हैं. जी20 सर्वसम्मति के सिद्धांत के तहत काम करता है और किसी एक भी सदस्य देश का अलग दृष्टिकोण बाधा उत्पन्न कर सकता है.
समूह के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में भारत नौ और 10 सितंबर को जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा. नेताओं की घोषणा का मसौदा समावेशी और सतत विकास, हरित विकास, बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार और डिजिटल परिवर्तन जैसी भारत की प्राथमिकताओं पर आधारित है. एक सूत्र ने कहा, ‘‘मसौदा घोषणा के लिए आम सहमति बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है.” नेताओं की घोषणा के मसौदे में अफ्रीकी संघ को जी20 की स्थायी सदस्यता देने का भारत का प्रस्ताव भी शामिल है. यह अभी ज्ञात नहीं है कि इस प्रस्ताव पर पूर्ण सहमति है या नहीं.
भारत के सामने नेताओं की घोषणा में यूक्रेन संकट का उल्लेख करने संबंधी पाठ पर आम सहमति बनाने के कठिन कार्य की चुनौती भी है. पश्चिमी देशों और रूस-चीन गठबंधन के बीच मतभेदों के कारण भारत को इस मुद्दे पर आम सहमति बनाने में कठिनाई हो रही है. रूस और चीन बाली घोषणा में यूक्रेन संघर्ष संबंधी दो पैरा पर सहमत हुए थे, लेकिन इस साल वे इससे पीछे हट गए जिसके कारण भारत के लिए मुश्किलें पैदा हो गईं.
देशों के वित्त और विदेश मंत्रियों की बैठक समेत भारत की जी20 की अध्यक्षता में हुई लगभग सभी प्रमुख बैठकों में रूस और चीन के विरोध के कारण यूक्रेन संघर्ष से संबंधित किसी भी पाठ पर आम सहमति वाला दस्तावेज पेश नहीं किया जा सका.
जी20 दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतरसरकारी मंच है. इसके सदस्य वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार के 75 प्रतिशत से अधिक और वैश्विक जनसंख्या के लगभग दो-तिहाई हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं. इस समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं.
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