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Foxconn Vedanta Calls Off Semiconductor Plant Goals Will Not Be Affected Says IT Ministry – वेदांता के साथ सेमीकंडक्टर प्लांट नहीं लगाएगी फॉक्सकॉन, IT मंत्री बोले- हमारे लक्ष्यों पर नहीं पड़ेगा असर



इस डील के तहत वेदांता और फॉक्सकॉन मिलकर भारत के गुजरात में सेमीकंडक्टर ( India’s semiconductor programme)और डिस्प्ले प्रोडक्शन प्लांट लगाने वाले थे. कंपनी ने इसे आपसी सहमति से लिया गया फैसला बताया. इस फैसले के बाद आईटी मंत्रालय का बयान आया है. 

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोमवार फॉक्सकॉन के बयान के बाद ट्वीट कर ये बातें कही. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “वेदांता के साथ ज्वॉइंट वेंचर से हटने के फॉक्सकॉन के इस फैसले का भारत के सेमीकंडक्टर फैब लक्ष्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.” उन्होंने कहा, “फॉक्सकॉन और वेदांता दोनों का भारत में महत्वपूर्ण निवेश है. वे मूल्यवान निवेशक हैं, जो रोजगार पैदा कर रहे हैं और विकास कर रहे हैं.”

राजीव चंद्रशेखर ने आगे कहा, “यह सबको पता है कि दोनों कंपनियों के पास सेमीकॉन का कोई पुराना अनुभव या टेक्नोलॉजी नहीं थी. टेक पार्टनर से फैब तकनीक हासिल करने की अपेक्षा की गई थी.” आईटी राज्यमंत्री ने कहा, ‘‘ज्वॉइंट वेंचर  वीएफएसएल द्वारा मूल रूप से 28 एनएम फैब के लिए एक प्रस्ताव पेश किया गया था. उनको उस प्रस्ताव के लिए उपयुक्त टेक पार्टनर नहीं मिल पाया.”

केंद्रीय राज्य मंत्री ने आगे बताया कि वेदांता ने वीएफएसएल के माध्यम से हाल ही में एक बड़ी ग्लोबल सेमीकॉन कंपनी से टेक लाइसेंसिंग समझौते द्वारा समर्थित 40एनएम फैब का एक प्रस्ताव पेश किया है. इसका सेमीकॉन इंडिया तकनीकी सलाहकार समूह द्वारा इस समय मूल्यांकन किया जा रहा है.

पार्टनरशिप के चयन में सरकार का रोल नहीं
उन्होंने कहा, “दो निजी कंपनियां क्यों या कैसे साझेदार बनने का चयन करती है या नहीं करती हैं, उसमें शामिल होना सरकार का काम नहीं है. सरल शब्दों में कहें तो दोनों कंपनियां स्वतंत्र रूप से भारत में अपनी रणनीतियों को आगे बढ़ा सकती हैं. सेमीकॉन और इलेक्ट्रॉनिक्स में उचित प्रौद्योगिकी साझेदार के साथ आगे बढ़ सकती हैं.”

फॉक्सकॉन का फैसला भारत के लिए झटका नहीं- आईटी मंत्री
उन्होंने कहा, “पीएम मोदी की अगुवाई में सरकार भारत की सेमीकॉन रणनीति और नीति को मंजूरी देने के बाद 18 महीनों में सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम में तेजी से प्रगति देखी गई है.” उन्होंने कहा कि जो लोग फॉक्सकॉन/वेदांता के इस फैसले को भारत की सेमीकॉन महत्वाकांक्षा के लिए ‘झटका’ बता रहे हैं, उनके लिए मैं केवल इतना ही कह सकता हूं कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत (की प्रगति) के खिलाफ दांव लगाना खराब इरादा है.

अश्विनी वैष्णव ने भी किया ट्वीट
वहीं, रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट किया, “फॉक्सकॉन और वेदांता दोनों कंपनियां भारत के सेमीकंडक्टर मिशन और मेक इन इंडिया कार्यक्रम के लिए प्रतिबद्ध हैं.”

म्यूचुअली लिया फैसला
फॉक्सकॉन ने कहा कि उसने सेमीकंडक्टर के एक महान विचार को रियलिटी में बदलने के लिए वेदांता के साथ एक साल से अधिक समय तक काम किया था. लेकिन अब ज्वॉइंट वेंचर से बाहर निकलने का फैसला लिया गया है. कंपनी ने कहा कि यह फैसला म्यूचुअली (आपसी बातचीत) से लिया गया है. अब यह पूरी तरह से वेदांता के मालिकाना हक वाली यूनिट होगी.

मेक इन इंडिया को करते रहेंगे समर्थन- फॉक्सकॉन
बयान में कहा गया है कि एक साल से अधिक समय से होन हाई टेक्नोलॉजी ग्रुप (फॉक्सकॉन) और वेदांता ने भारत में समीकंडक्टर निर्माण के विचार को वास्तविकता में लाने के लिए कड़ी मेहनत की है. यह एक उपयोगी अनुभव रहा है, जो दोनों कंपनियों को आगे बढ़ने में मजबूती देगा. कंपनी की ओर से कहा गया, “फॉक्सकॉन भारत में सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में विकास की संभावनाओं से आश्वस्त है. हम सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान का मजबूती से समर्थन करना जारी रखेंगे. हितधारकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए विविध स्थानीय साझेदारों के साथ काम करते रहेंगे.”

पिछले साल सितंबर में हुई थी डील
बता दें कि पिछले वर्ष सितंबर में गांधीनगर में सरकार, भारतीय कंपनी वेदांता और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र की दिग्गज फॉक्सकॉन ग्रुप के बीच एक समझौता हुआ था. उस दौरान दौरान केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव व गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल मौजूद थे. सीएम भूपेंद्र पटेल ने कहा था कि दोनों कंपनियां गुजरात में यूनिट लगाने के लिए 1,54,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी. इससे राज्य में एक लाख रोजगार का सृजन होगा.

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