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Foundation Plaque Could Not Be Restored On Atal Tunnel Yet Ann


Atal Tunnel Foundation Stone: साल 2020 में 4 अक्टूबर का दिन हिमाचल प्रदेश के साथ देश के इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षर में लिखा गया. इस दिन सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण अटल टनल का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. जिस दिन इस टनल का उद्घाटन हुआ, उसी दिन यहां एक नए विवाद ने भी जन्म लिया. 28 जून 2010 को तत्कालीन यूपीए सरकार के दौरान टनल की आधारशिला रखी गई थी. 

इस वक्त यहां लगाई गई शिलान्यास गायब हो गई. अटल टनल से गायब पट्टिका के लिए विपक्ष में रहते हुए भी कांग्रेस ने लगातार इस पट्टिका को पुनर्स्थापित करने की मांग उठाई. हिमाचल कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने जोर-शोर से यह मामला उठाया. समय बीता और मामला ठंडा हो गया.

पट्टिका पुनर्स्थापित करने में नाकाम सरकार!
दिसंबर 2022 में हिमाचल प्रदेश की सत्ता में वापसी हुई. सत्ता में वापसी के साथ ही लगी शिलान्यास पट्टिका को पुनर्स्थापित करने की मांग उठाई जाने लगी. लाहौल स्पीति के विधायक रवि ठाकुर ने भी जोर-शोर से मामला उठाया. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी संबंधित अधिकारियों को पत्र लिख जल्द से जल्द पट्टिका पुनर्स्थापित करने का दावा किया, लेकिन अब सात महीने से ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद भी यह पट्टिका पुनर्स्थापित नहीं हो सकी है. 12 दिसंबर 2022 को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि अटल टनल से शिलान्यास पट्टिका गायब है, जो लोकतंत्र का अपमान है. इसे जल्द से जल्द पुनर्स्थापित किया जाना चाहिए.

विधायक रवि ठाकुर ने अब क्या कहा?
लाहौल स्पीति के विधायक रवि ठाकुर ने एबीपी न्यूज़ के साथ खास बातचीत में कहा कि अब तक यह पट्टिका स्थापित नहीं हो सकी है. उन्हें इस बात का खेद है. उन्होंने कहा दी है भाजपा की संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों ने इस पट्टिका को वहां से हटाया, उन पर कानून कानून के मुताबिक कार्रवाई होनी चाहिए. रवि ठाकुर ने कहा है कि वे एक बार फिर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से पट्टिका को पुनर्स्थापित करने की मांग उठाएंगे. रवि ठाकुर ने भारतीय जनता पार्टी पर तंज करते हुए कहा कि इतिहास को मिटाया नहीं जा सकता है. इस इतिहास को लोगों से छिपाने की कोशिश हो रही है, वह जनता के सामने ही है.

साल 2010 में रखी गई थी टनल की आधारशिला
बता दें कि 28 जून, 2010 को अटल टनल की आधारशिला रखी गई थी. इस दौरान यूपीए की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी और देश के रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी ने इसका शिलान्यास किया था. उस वक्त इस टनल का नाम रोहतांग टनल था. 4 अक्टूबर, 2020 को अटल टनल के उद्घाटन के वक्त यह शिलान्यास पट्टिका वहां से गायब हो गई. इसके बाद से ही विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस लगातार पट्टिका को दोबारा लगाए जाने की मांग उठा रही थी. यह पट्टिका अब तक नहीं लग सकी.

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