Foreign Minister S Jaishankar on India relation with neighbours China Pakistan Bangladesh Sri Lanka said its not easy
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार (02 अगस्त) को भारत के पड़ोसी देशों के साथ संबंधों पर बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों के साथ मजबूत और अच्छे संबंध स्थापित करना आसान नहीं है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस दौरान पड़ोसी देशों के आकार और सामाजिक मतभेद को संबंध स्थापित करने के लिए बाधा बताया.
उन्होंने कहा, ‘भारत के लिए पड़ोसी देशों के आकार और सामाजिक मतभेदों की वजह से उनके साथ संबंधों को प्रबंधित करना बेहद मुश्किल है. हमारे इतिहास और समाजशास्त्र को देखते हुए संबंधों प्रतिबंधित करना मुश्किल काम है.’ इस दौरान उन्होंने भारत के समक्ष मौजूद चुनौतियों पर भी बात की.
‘आम बात है राजनीतिक उतार-चढ़ाव’
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ये भी कहा, ‘भारत और उसके पड़ोसियों के बीच राजनीतिक उतार-चढ़ाव अब आम हो गया है. इस कड़ी में भारत को लेकर भावनाएं भड़काना भी एक आसान विकल्प और रास्ता बन गया है. इन हकीकतों से हम अवगत हैं और इनसे इनकार नहीं किया जा सकता.’
भारत की ताकत पर भी की बात
वो बोले, ‘हमें समझना होगा कि मौजूदा दौर में भारत के पास अधिक संंसाधन और क्षमताएं हैं. भौगोलिक रूप में देखे तो भारत को हम इसके केंद्र में पाते हैं. हमारा आकार काफी बड़ी है और पड़ोसियों पर गौर करें तो कई मामलों में हमारे पास पावरग्रिड है. भारत के पास कई पावरप्लांट भी मौजूद हैं और हम ऊर्जा का आयात-निर्यात भी कर रहे हैं.’
‘राजनीतिक मुद्दा बना भारत’
इस कड़ी में विदेश मंत्री ने भारत के पास मौजूद ईंधन पाइपलाइन, सड़कें, रेल और जलमार्ग कनेक्शन की भी बात की, साथ ही कहा, ‘ढेरों ऐसे उदाहरण हैं जहां पड़ोसी देशों के लिए भारत राजनीतिक मुद्दा बना लेकिन हम प्रभावी उपायों की बदौलत गंभीर स्थितियों को कम करने में कामयाब हुए. भारत ने अन्य देशों के साथ जारी संसाधनों की प्रतिस्पर्धा में अपनी क्षमताओं का मजबूत प्रदर्शन किया.’
पीएम मोदी का किया जिक्र
उन्होंने कहा कि 30 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि दुनिया के कई देश भारत पर बारिकी से नजर रखे हुए हैं. कई देश भारतपर पैनी नजर इसलिए रखे हुए हैं क्योंकि वैश्विक विकास में हमारी नीतियां, दृढ़ संकल्प, निर्णय और निवेश एक नींव की तरह कार्य कर रहे हैं. भारत ने एक गरीब राष्ट्र के रूप में आजादी प्राप्त की. जो लोग भारत का शोषण करना चाहते थे, उन्होंने आखिर तक ऐसा ही रवैया बरकरार रखा.
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