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First Bullet Train Section In India Will Be Completed In August 2026 Says Rail Minister – बुलेट ट्रेन का पहला सेक्शन अगस्त 2026 में होगा तैयार, रेल मंत्री ने बताया कहां तक पहुंचा काम



अश्विनी वैष्णव ने X पर जो वीडियो पोस्ट किया, उसमें पीएम मोदी के गृह राज्य अहमदाबाद के वलसाड, नवसारी, सूरत, वडोदरा और आनंद जिलों में पूर्ण किए गए पुल को दिखाया गया है. वीडियो में दिखाया गया है कि मुंबई-अहमदाबाद कॉरिडोर के हिस्से के रूप में 6 नदियों-वलसाड जिले में पार और औरंगा, नवसारी में पूर्णा, मिंधोला, अंबिका और वेंगानिया पर पुल बनाए जा रहे हैं.

रेल मंत्री के अलावा नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने इन पुलों के ड्रोन वीडियो शेयर किए हैं. इनमें से कुछ पुल पहले ही बनाए जा चुके हैं. नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने कैप्शन लिखा- “…बुलेट स्पीड”.

कवच सिस्टम के बारे में की बात

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कवच सिस्टम के बारे में भी बात की. उन्होंने बताया कि अभी हर साल 1500km का कवच नेटवर्क है. 2024 से हर साल 2500km का कवच नेटवर्क होगा. कवच टेकनीक का काम 2016 में अप्रूव हुआ था. यह ट्रैक पर टकराव से बचाने के लिए एक स्वदेशी रूप से विकसित वॉर्निंग सिस्टम है. यह इस साल जून में ओडिशा के बालासोर में हुए भयानक रेल हादसे के बाद सुर्खियों में आई थी. इस हादसे में लगभग 300 लोग मारे गए थे.

‘गजराज सिस्टम’ पर तेजी से हो रहा काम

अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस टेकनीक से हाथियों और ट्रेनों के बीच टकराव को रोकने में भी मदद मिलेगी. देश के विभिन्न हिस्सों को बेहतर ढंग से जोड़ने और ज्यादा ट्रैक बनाने के लिए ‘गजराज सिस्टम’ पर तेजी से काम हो रहा है. पूरे 700km का काम 7 महीने में पूरा हो जाएगा. उन्होंने बताया कि पिछले साल 5243km नए ट्रैक का जाल बिछाया गया था. इस साल 5500-6000 किलोमीटर का ट्रैक बिछाने का टारगेट रखा गया है. 

देश की पहली बुलेट ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापानी PM शिंजो आबे ने 14 सितंबर 2017 को अहमदाबाद में इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी. इस प्रोजेक्ट का नाम मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर रखा गया है.

ट्रेनों की बढ़ी संख्या

रेल मंत्री ने यह भी कहा कि भारत में नई ट्रेनों की संख्या कोरोना महामारी से पहले की तुलना में बढ़ गई है. पहले मेल एक्सप्रेस ट्रेनों की संख्या 1768 थी, जो अब 21241,768 हो गई है. सब अर्बन ट्रेनों की संख्या पहले 5626 थी, जो अब 5774 हो गई है. पैसेंजर ट्रेनों की संख्या पहले 2792 थी, जिसकी संख्या अब 2856 हो गई है. उन्होंने कहा कि इसी अवधि में यात्री ट्रेनों की संख्या 2,792 से बढ़कर 2,856 हो गई है.

750 करोड़ यात्रियों को सेवा देने का लक्ष्य

कुल मिलाकर रेलवे ने 2022/2023 में 640 करोड़ यात्रियों को सेवा दी. साल 2023/ 2024 में 750 करोड़ यात्रियों को सेवा देने का लक्ष्य रखा गया है.

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