Firozabad Agra Farmers Worried as Rising Temperature due to Reduces Potato Yield ann
Firozabad News Today: उत्तर प्रदेश में मौसम के मिजाज में लगातार उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है. मौसम में लगातार बदलाव का असर किसानों की फसलों पर दिखाई पड़ रहा है. आलू किसान मौसम में लगातार परिवर्तन से परेशान हैं, कम पैदावार की आंशका ने किसानों का अंकगणित खराब कर दिया है.
किसानों के मुताबिक, नवंबर से लेकर फरवरी तक लगातार मौसम में होते बदलाव ने आलू की खेती को बुरी तरह प्रभावित किया है. इस साल आलू की पैदावार में बड़ी कमी आई है. किसानों के मुताबिक, मौसम में हुए बार-बार परिवर्तन से आलू की खेती करने वाले किसानों को 8 से 10 पैकेट आलू प्रति बीघा कम पैदा हुआ है.
किसानों को भारी नुकसान
आलू की खेती इस साल किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित होते हुए दिखाई पड़ रही है. पिछले साल की तुलना में इस साल 8 से 10 कट्टे कम निकल रहे हैं. जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
गौरतलब है कि आगरा और फिरोजाबाद में आलू की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. नवंबर में बोई जाने वाली यह फसल फरवरी के अंत से तैयार हो जाती है. फिलहाल फरवरी का महीना खत्म हो चुका है और मार्च के पहले सप्ताह में आलू की खुदाई पूरी तरह से शुरू हो चुकी है.
तापमान वृद्धि से पैदावर प्रभावित
फिरोजाबाद में आलू की कुफरी बहार 3797 की खेती अधिक होती है. इस साल तापमान में वृद्धि होने से अंकुरण सामान्य से कम हुआ और कन्दों की संख्या कम और साइज भी सही तरह से विकसित नहीं हुआ.
कम पैदावार का मुख्य कारण किसान तापमान में वृद्धि मान रहे हैं. जब अक्टूबर में आलू की बुवाई हुई तब भी तापमान ज्यादा था. किसानों ने लागत में कोई कमी नहीं छोड़ी, लेकिन ट्यूबर कम बने और मौसम गर्म होने से साइज भी छोटा रह गया, जिससे पैदावार प्रभावित हुई है.
एक्सपर्ट ने क्या कहा?
कृषि सहलाकर सौरभ गोस्वामी ने बताया कि बुवाई के समय तापमान 25 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए. उन्होंने बताया कि आलू की वृद्धि के लिए 16 से 20 डिग्री तापमान होना चाहिए, लेकिन इस बार जनवरी के अंत और फरवरी के शुरुआत में ही पारा 25 डिग्री से ऊपर पहुंच गया, जिसके कारण फसल प्रभावित हुई है.
कम पैदावार की वजह से आलू किसान परेशान हैं. आलू की खेती करने वाले किसान पुष्पेंद्र राना बताते हैं कि आलू की पैदावार में आई कमी से किसानों को खर्चा निकालना मुश्किल हो गया है. अगर आलू का सही रेट नहीं मिला तो इस बार आलू की फसल घाटे का सौदा साबित होगी.
(फिरोजाबाद से रंजीत गुप्ता की रिपोर्ट)