Female PSC Officer Molestation Case MLC Devendra Pratap Singh Serious Allegations Against In Basti Police
Basti News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) बस्ती (Basti) में एक महिला अधिकारी ने सहयोगी पीसीएस अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. महिला पीसीएस अधिकारी ने आरोपी के खिलाफ रेप और हत्या के प्रयास का आरोप लगाया है. महिला की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी है.
जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र में तैनात महिला पीसीएस अधिकारी ने आरोप लगाया कि, 12 नवंबर की रात की आरोपी घनश्याम शुक्ला जो नायब तहसीलदार सदर के पद पर तैनात है. उन्होंने मेरे घर का दरवाजा खटखटाया,दरवाजा न खोलने पर लात मारकर दरवाजा तोड़ दिया. आरोपी ने घर में घुसकर मुझे बहुत थप्पड़ मारा, गन्दी गालियाँ दीं, मुझे कई जगह (गाव, होठ, दायी कहें, दोनों बाहो, बागी प्राइवेट पार्ट पर काटा और मेरे कपड़े फाड़ दिए. मुझे फर्श पर गिरा कर मेरे साथ बलात्कार करने की कोशिश की. महिला ने ये भी आरोप लगाया कि, जब हमने उनकी इन हरकतों का विरोध किया तो, मुझे प्रताड़ित किया और मुझे दबोच लिया औऱ गला दबा कर मेरी हत्या करने की कोशिश की.
MLC देवेंद्र प्रताप सिंह ने पुलिस पर उठाए सवाल
बस्ती पहुंचे MLC देवेंद्र प्रताप सिंह ने जिले के जिलाधिकारी और एसपी की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा, प्रशासनिक अधिकारी के साथ जो कुछ भी हुआ वह क्षम्य नही है. उन्होंने मांग है कि, महिला अधिकारी के इज्जत लूटने वाला और उसके हत्या क्या प्रयास करने वाला अधिकारी अगर जमीन खोज कर या आसमान तोड़कर भी मिले तो ऐसे में उसे गिरफ्तार जल्द से जल्द किया जाना चाहिए. उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि, मुझे इस बात का बहुत ही दुख है कि जिला प्रशासन इतने गंभीर मामले में लीपापोती कर रहा है.
अपराधी को संरक्षण दे रही पुलिस.?
यह सब आरोपी अधिकारी को बचाने का प्रयास किया जा रहा है,जिला प्रशासन वापुली प्रशासन आरोपीय अधिकारी से मिला हुआ है पिता का बयान 164 कि आरोपी अधिकारी के गिरफ्तारी का आधार है यहां तक की आरोपीय अधिकारी को पूर्त बढ़ाने का प्रयास आला अधिकारी कर रहे हैं जो बहुत ही निंदनीय और समाज विरोधी है इस तरह का मृत जो कलेक्टर और कप्तान कर रहे हैं वह अपराध के श्रेणी में आता है डीएम द्वारा लगाए गए जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि या पूरी तरह से फर्जी है जो जांच कमेटी गठित की गई है वह कहीं ना कहीं पर प्राथमिक अधिकारी के दबाव में काम करेगी और ऐसी जाट का कोई मतलब नहीं है जब पिता का बयान नायक मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज हो गया है.