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Farmers Protest: किसानों ने ठुकराया SC की नियुक्त कमेटी से बातचीत का ऑफर, कहा- केंद्र के अलावा किसी से बात नहीं


Farmers Protest Latest News: शंभू और खनौरी बॉर्डर पर धरना दे रहे किसान संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई कमेटी से आज (18 दिसंबर 2024) बातचीत का ऑफर ठुकरा दिया है. इससे पहले मंगलवार रात (17 दिसंबर 2024) संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनैतिक और किसान मजदूर मोर्चा ने कमेटी के अध्यक्ष पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस नवाब सिंह को इसके संबंध में चिट्ठी लिखी.

इस चिट्ठी में किसान संगठनों ने लिखा कि वे सिर्फ केंद्र सरकार के नुमाइंदों से बात करेंगे क्योंकि वे मानते हैं कि इस तरह की कमेटियां महज खानापूर्ति के लिए होती हैं. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई कमेटी का सम्मान करते हुए उनसे एक बार चार नवंबर को मीटिंग की गई थी. किसानों की चिट्ठी के अनुसार, कमेटी ने आज मीटिंग के लिए पत्र भेजा था. यह मीटिंग पंचकुला में रखी गई थी.

चिट्ठी में उठाए कई सवाल

किसानों ने अपनी चिट्ठी में आगे कहा है कि आप की कमेटी माननीय सुप्रीम कोर्ट की ओर से किसानों और सरकारों में विश्वास बहाली करने के लिए बनाई गई थी लेकिन उसके लिए आप ने अब तक कोई ठोस प्रयास नहीं किए और न ही हमारी जायज मांगों को पूरा कराने के लिए केंद्र सरकार से बातचीत का कोई गंभीर प्रयास किया. हमारे दोनों मोर्चों को पहले से ही अंदेशा था कि कमेटियां सिर्फ खानापूर्ति करने के लिए बनाई जाती हैं लेकिन उसके बावजूद आप सब का सम्मान करते हुए हमारा प्रतिनिधिमंडल 4 नवंबर को आप से मिला लेकिन इतनी गंभीर स्थिति होने के बावजूद आपकी कमेटी अब तक खनौरी एवम शम्भू मोर्चों पर आने का समय नहीं निकाल पाई. आप इतनी देरी के बाद सक्रिय हुए हैं, ये देख कर बहुत दुख हुआ. किसानों की हालत को देखते हुए हमारे दोनों मोर्चों ने फैसला लिया है कि हम आप से मीटिंग करने में असमर्थ हैं. अब हमारी मांगों पर हम जो भी बातचीत करेंगे वो सिर्फ केंद्र सरकार से ही करेंगे.

सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई

वहीं, दूसरी ओर शंभु बॉर्डर खोलने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट आज यानी बुधवार (18 दिसंबर, 2024) को सुनवाई करेगा. 13 दिसंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने बॉर्डर तुरंत खोलने का आदेश देने से मना किया था. इसकी बजाय कोर्ट ने अपनी तरफ से गठित कमेटी से कहा था कि वह किसानों से बात करे. कमेटी किसानों को समझाए को कहा कि उनकी मांगों पर विचार हो रहा है. इसलिए, या तो वह आंदोलन स्थगित करें या अपने धरने की जगह थोड़ी सी बदल लें, जिससे हाईवे खुल सके. कमेटी इस बारे में कोर्ट को रिपोर्ट देगी. 

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