FAIMA wrote letter to CJI Sanjeev Khanna make these demands Kolkata Rape Murder Case ANN
देश में डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर पिछले कई महीनों से आवाज उठ रही है. कोलकाता में आरजी मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले के बाद से स्वास्थ्य कर्मियों का गुस्सा खूब फूटा. देश भर में अलग-अलग जगह प्रदर्शन हुए, जिसमे डॉक्टर्स ने स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को लेकर कानून बनाने की मांग की गई.
यह मामला अदालत में है और सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में (एनटीएफ नेशनल टास्क फोर्स) का गठन किया, लेकिन अब एनटीएफ को लेकर चिंता के साथ स्वास्थ्य संगठन सवाल खड़े कर रहे है.
चीफ जस्टिस को बताई चिंताएं
शनिवार को स्वास्थ्य संगठन FAIMA ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर एनटीएफ (नेशनल टास्क फ़ोर्स) को अपनी कुछ चिंताएं व्यक्त की, जिसमें कार्यबल में प्रतिनिधित्व की कमी बताई. इसके इलावा कार्यबल में मुख्य रूप से प्रशासक और नीति निर्माता शामिल होने और उसमें डॉक्टरों की अनुपस्थिति एक बड़ी चिंता का विषय बताया. न सिर्फ इतना बल्कि कार्यबल की ओर से दिए गए हाल के बयान डॉक्टरों के लिए केंद्रीय सुरक्षा कानून की आवश्यकता न होने के बयान को गहरी चिंता का विषय बताया.
चीफ जस्टिस से अपील
FAIMA की तरफ से अपील की गई है कि कार्यबल में निवासी और सरकारी डॉक्टरों को शामिल किया जाए. केंद्रीय सुरक्षा कानून की आवश्यकता पर पुनर्विचार किया जाए और सुप्रीम कोर्ट से इन मुद्दों पर विचार करने की अपील की है.
‘नेशनल टास्क फोर्स में डॉक्टर को शामिल करना चाहिए’
स्वास्थ्य संगठनों के मुताबिक नेशनल टास्क फोर्स में डॉक्टर को शामिल करना चाहिए क्योंकि रेसिडेंट के मुताबिक 24 घंटे ड्यूटी रेसिडेंट्स देते है और लोगों का गुस्सा भी उन्हें ही सहना पड़ता है इसलिए इस पर गहन चिंतन के साथ चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया से अपील की गई है.
यह भी पढ़ें- क्या अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद का पड़ोसी हाजी सलीम है ड्रग्स की दुनिया का इंटरनेशनल खिलाड़ी?