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Explainer: Why Did Milind Deora Say Goodbye To Congress Just Before The Elections? – Explainer: चुनाव से ठीक पहले मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस को क्यों कह दिया अलविदा?



मिलिंद देवड़ा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया क्योंकि वह “विकास के पथ” का समर्थन करना चाहते थे. हालांकि ऐसे कई कारण हैं जिनके चलते उन्हें उस पार्टी से नाता तोड़ने का फैसला लेना पड़ा, जिससे उनका परिवार 55 सालों से जुड़ा था.

सूत्रों ने मिलिंद देवड़ा और महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं के बीच बढ़ते मनमुटाव को उनके इस्तीफे के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण बताया. ऐसा लगता है कि पार्टी में आंतरिक असहमति की स्थिति ने उन्हें पार्टी छोड़ने के लिए प्रेरित किया. उनका यह फैसला महाराष्ट्र में पार्टी की चुनावी रणनीति को नया आकार दे सकता है.

कांग्रेस की बदकिस्मती के बीच देवड़ा का जाना पार्टी नेतृत्व के निचले स्तर के साथ गांधी परिवार के अलगाव और उनकी दुर्लभता को भी उजागर करता है. यह पार्ची के युवा नेता स्वीकार नही कर पा रहे हैं.

कांग्रेस के दिग्गज नेता मुरली देवड़ा के बेटे मिलिंद देवड़ा ने 2004 और 2009 में मुंबई दक्षिण सीट जीती थी. वे 2014 और 2019 के चुनावों में शिवसेना के अरविंद सावंत से हार गए थे. यहां तक कि उन्होंने निर्वाचन क्षेत्र को वापस जीतने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए पांच साल पहले लोकसभा चुनाव अभियान के बीच में मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष का पद भी छोड़ दिया था.

मिलिंद देवड़ा ने हाल ही में विपक्षी गठबंधन का हिस्सा शिवसेना (यूबीटी) द्वारा मुंबई दक्षिण सीट पर दावा करने पर नाराजगी जताई थी. वे चाहते थे कि पिछले दो चुनावों में सावंत से हार के बावजूद यह सीट कांग्रेस के पास बनी रहे.

पार्टी बदलने के बाद देवड़ा कथित तौर पर बीजेपी और शिवसेना समर्थकों के संयुक्त वोट शेयर के साथ मुंबई दक्षिण में जीत हासिल करने को लेकर आशान्वित हैं. सूत्र बताते हैं कि अगर बीजेपी यह सीट जीतने में सफल होती है, तो देवड़ा को राज्यसभा सीट की पेशकश की जा सकती है.

बड़े कारोबारियों के साथ देवड़ा के संबंधों के कारण उन्हें एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना का भी समर्थन मिला. केंद्रीय मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान देवड़ा आर्थिक मुद्दों पर एक उदार आवाज थे और व्यापार और दिल्ली के राजनीतिक हलकों में उनके घनिष्ठ संबंध थे.

मुंबई दक्षिण लोकसभा क्षेत्र में मराठी और मुस्लिम मतदाताओं का एक अच्छा मिश्रण है. इस पर बीजेपी के राहुल नार्वेकर और मंगल प्रभात लोढ़ा की भी नजर है.

कांग्रेस अपने सहयोगियों के साथ सीट-बंटवारे में खींचतान को लेकर तनाव की स्थिति में है. इसी बीच देवड़ा के बाहर जाने से उसे भारी झटका लगा है. इस साल होने वाले आम चुनावों से पहले पार्टी राजस्थान में सचिन पायलट की बगावत जैसी शर्मनाक स्थितियों से बचने की कोशिश कर रही है.

कांग्रेस ने दावा किया है कि देवड़ा के पार्टी छोड़ने का समय बीजेपी द्वारा ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ को पटरी से उतारने के लिए तय किया गया था. मिलिंद देवड़ा “सिर्फ एक कठपुतली” हैं.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “उन्होंने (देवड़ा) कहा कि उन्हें चिंता है कि यह मौजूदा शिवसेना की सीट है. वह राहुल गांधी से मिलना चाहते थे और उन्हें सीट के बारे में बताना चाहते थे और यह भी चाहते थे कि मैं इस बारे में गांधी से बात करूं. जाहिर तौर पर यह सब एक दिखावा था. उन्होंने जाने का मन बना लिया था. उनके जाने की घोषणा का समय स्पष्ट रूप से प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित किया गया था.” 





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