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EXCLUSIVE: “साइबर ठगी पर चला रहे जागरूकता अभियान…”, NDTV से बोले RBI चीफ़ शक्तिकांत दास




नई दिल्ली:

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गर्वनर शक्तिकांत दास ने एनडीटीवी के एडिटर-इन-चीफ संजय पुगलिया से एक्सक्लूसिव बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक साइबर ठगी को लेकर जागरूकता अभियान चला रहा है. तकनीक के साथ खतरे भी सामने आए हैं, हालांकि दो साल पहले के मुकाबले अब लोग इस तरह की साइबर ठगी को लेकर सचेत भी हुए हैं.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, “साइबर अटैक एक जोखिम है जो प्रौद्योगिकी के विकास के साथ बढ़ रहा है. हमने ग्राहकों के लिए साइबर जोखिमों के बारे में जागरूकता पैदा करने पर काम किया है. हम डिजिटल ऋण देने वाले ऐप्स के लिए एक पब्लिक रिपॉजिटरी भी बना रहे हैं.” 

शक्तिकांत दास ने कहा, “हम साइबर सुरक्षा को लेकर नियमित रूप से बैंकों और एनबीएफसी के संपर्क में हैं, इस सुरक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए उनके साथ लगातार काम कर रहे हैं. जब कोविड शुरू हुआ, तो पहले उपायों में से एक स्पष्ट सलाह जारी करना था. यही वो समय था जब हम आईटी प्रणालियों पर अधिकतम हमलों की उम्मीद कर सकते थे.”

उन्होंने कहा कि हमने 100 वर्षों में आरबीआई के लिए एक एजेंडा जारी किया है. इसका प्रेरक सिद्धांत आरबीआई को भविष्य के लिए तैयार रखना है. यहां सब कुछ एक टीम प्रयास है. मैं आरबीआई की पूरी टीम को बधाई देना चाहता हूं, और सभी विनियमित संस्थाओं को भी बधाई देता हूं, जिन्होंने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है.

आरबीआई गवर्नर ने कहा, “गंभीर फिनटेक प्लेयर आरबीआई के नियामक दृष्टिकोण को बहुत अच्छी तरह से समझते हैं. फिनटेक प्लेयर और संघों के साथ हमारा द्विपक्षीय जुड़ाव बहुत अच्छा रहा है. हमारा फिनटेक विभाग व्यक्तिगत रूप से और एक समूह के रूप में नियमित बैठकें आयोजित करता है. पिछले साल हमने एक फिनटेक एसआरओ की घोषणा की थी, जो आरबीआई और फिनटेक प्लेयर के बीच एक इंटरफ़ेस के रूप में काम करेगा.”

उन्होंने कहा कि आरबीआई का ध्यान मुख्य रूप से देश की वित्तीय और मौद्रिक स्थिरता सुनिश्चित करने पर है. हम एक गैर-लाभकारी संगठन हैं, इसलिए हम हर साल सरकार को सरप्लस ट्रांसफर करते हैं.”

शक्तिकांत दास ने कहा, “सुपरविजन को तेज करने के लिए एआई और अन्य आधुनिक तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है. विभिन्न एनालिटिक्स टूल के माध्यम से, हम सेक्टर के सामने आने वाली कई समस्याओं का विश्लेषण कर रहे हैं, लेकिन यह एक निरंतर प्रक्रिया है और इसका लगातार पुनर्मूल्यांकन किया जाना चाहिए.”

आरबीआई गवर्नर ने कहा, “कुछ संस्थाओं के खिलाफ आरबीआई की कार्रवाई कोई सजा नहीं है, ये एक सुधारात्मक उपाय है. हम उन संस्थाओं की ऑन-साइट और ऑफ-साइट निगरानी करते हैं, जिन्हें हम विनियमित करते हैं. सुपरविजन विकसित किया गया है और इसका सर्वोत्तम उपयोग किया गया है. हम इस पर नजर बनाए हुए हैं.”




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