Exclusive: हैलो मैं CBI से बोल रहा हूं… मशहूर कंपनी के मालिक से कैसे ठगे 7 करोड़, डिजिटल अरेस्ट की पूरी कहानी जानिए
डिजिटल अरेस्ट आजकल ऑनलाइन ठगी (Online Fraud) का नया तरीका बनकर उभर रहा है. देशभर में इस तरह के कई मामले अब तक सामने आ चुके हैं. डिजिटल अरेस्ट के जरिए बड़े-बड़े बिजनेसमैन भी ठगों का शिकार आसानी से बन रहे हैं. ताजा मामला जाने-माने बिजनेसमैन से जुड़ा है. मशहूर वर्धमान इंडस्ट्री के मालिक एसपी ओसवाल को ठगों ने डिजिटल अरेस्ट (Vardhman Industry Owner Digital Arrest) कर उनसे 7 करोड़ रुपए ऐंठ लिए. उनके साथ क्या हुआ और कैसे उन्होंने इतनी बड़ी रकम ठगों के सौंप दी, उनकी जुबानी पूरा वाक्या जानिए.
एसपी ओसवाल- मुझे कॉल कर कहा गया कि आपके फोन दो घंटे में डिसकनेक्ट कर दिए जाएंगे. मुझसे 9 नंबर दबाने को कहा. मैंने 9 नंबर का बटन दबा दिया.
ठग- मैं मुंबई के कोलाबा सीबीआई ऑफिस से बोल रहा हूं. आपके पास एक मोबाइल नंबर है. हम इसको डिसकनेक्ट कर रहे हैं. किसी ने ये नंबर आपके नाम से ले लिया होगा. केनरा बैंक में आपके नाम पर एक अकाउंट चल रहा है.
एसपी ओसवाल- मेरा कोई अकाउंट नहीं है. मेरे सारे अकाउंट लुधियाना में हैं.
ठग- ये अकाउंट आपके नाम पर है. पिछले कुछ महीने से ये रेगुलर चल रहा है. ये किसी नरेश गोयल से संबंधित है. ये अकाउंट आपके नाम पर है तो आप सस्पेक्ट हैं.
एसपी ओसवाल- ये मेरा अकाउंट नहीं है. मैंने कुछ किया नहीं है और मैं किसी नरेश गोयल को जानता नहीं हूं.
ठग- आधार कार्ड से आपका नाम लिया हुआ है.आपका आधार कार्ड उनके पास कैसे आया?
एसपी ओसवाल- मैं जेट एयरवेज में ट्रैवल करता हूं. हो सकता है मैने कभी आधार कार्ड आइडेंटिफिकेशन के लिए दिया होगा.
ठग- हम समझ सकते हैं. फिर भी आपको हमें क्लियर तो करना पड़ेगा. इसके लिए हमें जांच करनी पड़ेगी, क्यों कि आप पर शक है. तब तक आप हमारी डिजिटल कस्टडी में हैं. हम आपको प्रोटेक्ट करने की कोशिश करेंगे. आपको हमारे साथ कॉपरेट करना होगा.
एसपी ओसवाल- मुझे ये विश्वास हो गया कि ये मुझे प्रोटेक्ट करेंगे. बात शुरू हुई तो राहुल गुप्ता नाम का उनका सीनियर आ गया. उसने खुद को चीफ इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर बताया. उन्होंने प्रायोरिटी ऑफ इन्वेस्टिगेशन का लेटर लिखवाया. मैंने लेटर बनाकर दे दिया.
ठग- 1 घंटा लगेगा, हम सीनियर्स से परमिशन ले लेते हैं. आप बॉम्बे नहीं आ सकते तो आपकी जांच प्रायोरिटी पर करेंगे. फिर उन्होंने मेरा बयान लेना शुरू किया. बिजनेस से लेकर सबकुछ बताइए. प्रॉपर्टी को लेकर भी सवाल पूछे कि आपके पास क्या-क्या है.
एसपी ओसवाल- मुझे ऐसे तो याद नहीं है लेकिन मैं अपने मैनेजर से बात करके आपको बता दूंगा. मुझे लगा पुलिस वाले हैं तो झूठ तो बोलना नहीं है, मैने बता दिया कि 10-11 करोड़ बैंक अकाउंट में है. बाकी म्यूचुअल फंड में है और शेयर इनवेस्टमेंट्स हैं. उन्होंने वो सारी स्टेटमेंट रिकॉर्ड कर ली.
ठग- सुप्रीम कोर्ट के लिए एक एप्लिकेशन बना दी है. सुप्रीम कोर्ट से समय ले लिया है. सीजेआई चंद्रचूड़ आपकी पिटीशन 11 बजकर 5 मिनट पर सुनेंगे.
एसपी ओसवाल- विजय खन्ना नॉर्मल ड्रेस में थे. सीबीआई का ऑफिस लग रहा था. पीछे सीबीआई का लोगो लगा था. वे मेरे साथ स्काइप पर कनेक्ट थे. 24 घंटे स्काइप पर हमारी फोटो आती रही. उन्होंने 24 घंटे मुझे मॉनिटर किया. बाहर जाने के दौरान भी वो मुझे देखते रहते थे. अंडर नेशनल सीक्रेट एक्ट होने का हवाला देकर उन्होंने मुझे किसी को भी इस बारे में बताने से मना किया था.
ठगों ने ऐसे दिखाया सुप्रीम कोर्ट का डर?
ओपी ओसवाल ने बताया कि ठगों ने उनसे अपनी स्क्रीन किसी के साथ न शेयर करने को कहा था. अगले दिन सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. वह सुनवाई के समय कपड़े चेंज करके बैठ गए. उनको जज तो कहीं नजर नहीं आए. लेकिन राहुल गुप्ता उनको केस के बारे में बता रहा था. प्रॉपर्टी के बारे में भी बताया. तो जज साहब ने कहा कि ठीक है तब तक आप इनकी प्रॉपर्टी ट्रांसफर करवा लीजिए. अगर नहीं मानें तो गिरफ्तार कर लो. थोड़ी देर बाद ऑर्डर की कॉपी भी मुझे दे दी.
ठगों ने बिजनेसमैन से ऐसे करवाई रकम ट्रांसफर
अमाउंट ट्रांसफर करने का प्रोसेस शुरू हुआ. मैंने अपने फाइनेंस मैनेजर को कमरे में बुलाया और उसको पैसे ट्रांसफर करने को लेकर बताया. उसने पूछा कि किसको करना है.तो मैंने नहीं बताया. मैंने उनसे कहा कि ये सारा अमाउंट एक बैंक में ले लो. ठगों ने कहा कि 1 और 2 करोड़ की किश्तों में वह अमाउंट ट्रांसफर करवाएंगे. उन्होंने तीन बार रकम ट्रांसफर कर दी. उन्होंने कहा कि बाकी अगले दिन करेंगे. इस तरह से उनसे बड़ी रकम ऐंठ ली गई और उनको पता तक नहीं चला.
गिरोह का भंडाफोड, आरोपियों को धर दबोचा
लुधियाना पुलिस ने सीबीआई के नकली अधिकारी बनकर वर्धमान इंडस्ट्री के मालिक एसपी ओसवाल से 7 करोड़ रुपए की ठगी करने के मामले में अंतर राज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ कर दो आरोपियों को गुवाहाटी से गिरफ्तार कर लिया. पश्चिम बंगाल और दिल्ली से संबंधित सात आरोपियों को ट्रेस करने में सफलता हासिल की है.
5 करोड़ 25 लाख रुपए रिकवर
साइबर क्राइम सेल की टीम ने इस गिरोह को 48 घंटे में ही ट्रेस कर दो आरोपियों अतनु चौधरी और आनंद कुमार चौधरी को गुवाहाटी से गिरफ्तार कर लिया. इसके अलावा 5 करोड़ 25 लाख रुपए रिकवर भी कर लिए गए हैं. इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर के मुताबिक 5 करोड़ 25 लाख 600 रुपए की यह भारत में अब तक की सबसे बड़ी रिकवरी है. मामले में 6 एटीएम और तीन मोबाइल फोन भी जब्त किए गए हैं.