Everybody Should start saying Bharat Instead of India Dattatreya Hosabale of RSS Spoke on two name of Country
Dattatreya Hosabale On Two Name Of County: ‘विमर्श भारत का’ पुस्तक के विमोचन के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने सोमवार (10 मार्च, 2025) को देश को दो नामों, भारत और इंडिया कहने पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि अपने देश को इंडिया नहीं भारत कहना चाहिए.
दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि G20 सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति आवास पर भोज के लिए भेजे गए निमंत्रण के दौरान ‘रिपब्लिक ऑफ भारत’ लिखा गया था. देश को इंडिया नहीं बल्कि भारत कहकर बुलाना चाहिए क्योंकि इंग्लिश में इंडिया है और भारतवासियों के लिए यह भारत. क्या ऐसा दुनिया में कहीं हो सकता है?
संविधान से लेकर रिजर्व बैंक के नाम पर उठाए सावल
होसबोले ने कहा, “कॉन्स्टिट्यूशन ऑफ इंडिया – भारत का संविधान, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया – भारतीय रिजर्व बैंक… सभी पर प्रश्न उठाना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत को भारत ही रहने देना चाहिए. यह भी कहा कि मुगल काल में देश को बहुत नुकसान हुआ संस्कृति, स्वाभिमान, शिक्षा और उद्योग सबका नाश हुआ.
‘संविधान को लेकर फैलाई गई कई भ्रामक बातें’
दत्तात्रेय होसबोले ने कहा, “भारत के संविधान को लेकर कई भ्रामक बातें फैलाई गई है. कहा जाता है कि भारत केवल कृषि प्रधान देश है, यहां कोई और उद्योग नहीं है, जबकि यह पूरी तरह से गलत है. 1600 ईस्वी के दौरान वर्ल्ड बिजनेस में भारत की 23 फीसदी हिस्सेदारी थी, जो केवल खेती किसानी से नहीं थी. प्राचीन काल में हम किसी भी क्षेत्र में किसी से भी कम नहीं थे, लेकिन बाहरी आक्रांताओं ने हमारे देश का दमन किया.”
‘इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया’
दत्तात्रेय होसबोले ने कहा, “भारत आज स्वतंत्र है, उसका मस्तिष्क भी स्वतंत्र है. पहले के दशकों में ऐसा पढ़ाया जाता था की गणित और विज्ञान के क्षेत्र में भारत का कोई योगदान नहीं है, लेकिन भारत के इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया. भारत का इतिहास तो समृद्धि से भरा पूरा है. खास बात यह है कि भारत को लेकर विश्व के बहुत से लोग सकारात्मक दृष्टि कौन रखते हैं.”