Electoral Bonds Scheme Verdict LIVE Updates Supreme Court Strikes Down EBS Political Funding Reaction | Electoral Bonds Scheme Verdict LIVE: कांग्रेस ने किया सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत, बोले
Electoral Bonds Scheme Verdict LIVE: सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ ने गुरुवार (15 फरवरी) को केंद्र सरकार की चुनावी बांड योजना पर सर्वसम्मति से फैसला सुनाया इसे असंवैधानिक करार दिया. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ, जिसमें जस्टिस संजीव खन्ना, बीआर गवई, जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा शामिल थे, उन्होंने इस योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर दो अलग-अलग और सर्वसम्मत फैसले दिए.
क्या होता है चुनावी बॉन्ड?
चुनावी बॉन्ड राजनीतिक पार्टियों को दिए जाने वाले चंदे से जुड़ा है. दरअसल वित्तीय साधक के रूप में काम करने वाले चुनावी बॉन्ड के जरिए कोई व्यक्ति या व्यसायी अपना नाम उजागर किए बिना किसी पार्टी को चंदा दे सकता है. योजना के प्रावधानों के अनुसार भारत का कोई भी नागरिक या देश में नियमित या स्थापित इकाई चुनावी बांड खरीद सकती है. ये बांड कई तरह से उपलब्ध होते हैं, जिनकी कीमत एक हजार से लेकर एक करोड़ रुपए तक होती है. ये बॉन्ड भारतीय स्टेट बैंक की किसी भी शाखा से लिया जा सकता है. साथ ही ये दान ब्याज मुक्त होता है.
सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने क्या कहा?
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “राजनीतिक संबद्धता की गोपनीयता का अधिकार सार्वजनिक नीति को प्रभावित करने के लिए किए गए योगदान तक विस्तारित नहीं होता है और केवल सीमा से नीचे के योगदान पर लागू होता है. आयकर अधिनियम प्रावधान में संशोधन और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 29 सी को प्राधिकार के अधीन घोषित किया गया है. कंपनी अधिनियम में संशोधन असंवैधानिक है.”
इसके बाद जस्टिस संजीव खन्ना बोले, “मैं सीजेआई के फैसले से सहमत हूं। मैंने अनुरूपता के सिद्धांतों को भी कुछ बदलाव के साथ लागू किया है, लेकिन निष्कर्ष वही हैं.” सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “ चुनावी बांड योजना काले धन पर अंकुश लगाने वाली एकमात्र योजना नहीं है.”
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “सभी राजनीतिक योगदान सार्वजनिक नीति को बदलने के इरादे से नहीं किए जाते हैं, छात्र, दिहाड़ी मजदूर आदि भी इसमें योगदान करते हैं.”