Election Commission Heard Claims Of Ajit Pawar Led Faction Of NCP Over Its Claim On Party Name And Poll Symbol
NCP Crisis In Maharashtra: एनसीपी के अजित पवार गुट की ओर से पार्टी के नाम और निशान को लेकर किए गए दावे की सुनवाई सोमवार (9 अक्टूबर) को चुनाव आयोग में हुई. इस दौरान शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट ने तर्क दिया कि अजित पवार के गुट की ओर पेश किए गए दस्तावेजों में ढेरों गड़बड़ियां मिली हैं.
चुनाव आयोग ने पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर दावे को लेकर शरद पवार और अजीत पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी के गुटों की सुनवाई के लिए अब अगली तारीख 9 नवंबर तय की है. आयोग ने शरद पवार खेमे से 30 अक्टूबर तक अजित पवार गुट की ओर से किए गए दावों पर अपना जवाब दाखिल करने को भी कहा है.
अजित पवार की ओर से पेश दस्तावेजों में 9000 से ज्यादा विसंगतियां- शरद पवार खेमे का दावा
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, शरद पवार गुट के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दावा किया कि चुनाव आयोग ने एनसीपी के नाम और निशान पर अपने दावे के समर्थन में अजित पवार गुट की ओर से पेश किए गए 9,000 से ज्यादा दस्तावेजों में विसंगतियां पाई हैं.
वहीं, पार्टी के नाम और चिन्ह पर दावे को लेकर चुनाव आयोग का रुख करने वाले अजित पवार की ओर से कहा गया कि उन्हें महाराष्ट्र में 53 में से 42 एनसीपी विधायकों, नौ में से छह एमएलसी, नगालैंड में सभी सात विधायकों और राज्यसभा और लोकसभा के एक-एक सदस्य का समर्थन प्राप्त है.
जून में शरद पवार के खिलाफ अजित ने कर दिया था विद्रोह
अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट ने जून में एनसीपी नेता शरद पवार के खिलाफ विद्रोह कर दिया था और पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा करते हुए चुनाव आयोग का रुख किया था. जुलाई की शुरुआत में महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के लिए चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत करने से दो दिन पहले अजित पवार ने 30 जून को चुनाव आयोग से संपर्क किया था और पार्टी के नाम के साथ-साथ चिन्ह पर भी दावा किया था. उन्होंने बाद में 40 विधायकों के समर्थन के साथ खुद को पार्टी अध्यक्ष भी घोषित कर दिया था.
हाल में शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट ने परोक्ष रूप से अजित पवार के गुट का जिक्र करते हुए चुनाव आयोग को बताया था कि पार्टी में कोई विवाद नहीं है, सिवाय इसके कि कुछ शरारती लोग अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के लिए संगठन से अलग हो गए हैं.