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Education Minister Dharmendra Pradhan Says No Difference Between India Or Bharat But Some Frustrated People


Dharmendra Pradhan On India Or Bharat: किताबों में देश का नाम ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ करने की एनसीईआरटी की समिति की सिफारिश के विरोध में प्रतिक्रियाएं दे रहे नेताओं पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार (26 अक्टूबर) को निशाना साधा. उन्होंने कहा कि इंडिया और भारत में कोई फर्क नहीं है लेकिन कुछ हताश लोगों में इस बारे में विवाद खड़ा करने की होड़ मची है.  

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की ओर से गठित एक उच्च स्तरीय समिति ने सभी सभी पाठ्यपुस्तकों में देश का नाम इंडिया की जगह भारत करने की सिफारिश की है. इस कदम पर कुछ दलों, खासकर दक्षिणी राज्यों के लोगों ने तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं और सरकार पर इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है.

क्या बोले शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रघान?

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान गुरुवार को गुजरात के नर्मदा जिले में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के कार्यान्वयन पर कुलपतियों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कुछ समय से इस बात पर विवाद चल रहा है कि देश को इंडिया या भारत के नाम से जाना पहचाना चाहिए या नहीं.

भारत और इंडिया में कोई अंतर नहीं- धर्मेंद्र प्रधान

शिक्षा मंत्री ने कहा, ”लेकिन अंतर क्या है? भारत और इंडिया में कोई अंतर नहीं है. भारत इस देश का नाम है. औपनिवेशिक काल के दौरान अंग्रेजी बोलने वालों ने देश को इंडिया नाम दिया.” उन्होंने कहा, ”हमारे संविधान ने भारत और इंडिया दोनों को महत्व दिया है.”

मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ”भारत एक भारतीय नाम है, सभ्यता की शुरुआत से ही यह मूल नाम है. हालांकि, इन दिनों कुछ हताश लोगों के दिमाग में इसे लेकर विवाद पैदा करने की होड़ चल रही है.

बता दें कि इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, अंबिका सोनी, राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा, आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़, द्रमुक के प्रवक्ता सरवनन अन्नादुरई, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता और सांसद शांतनु सेन और माकपा की पश्चिम बंगाल इकाई के सचिव मोहम्मद सलीम आदि ने बीजेपी को घेरा है. कई नेताओं ने कहा है कि बीजेपी इतिहास बदलना चाहती है और इसलिए ऐसे कदम उठा रही है क्योंकि उसे I.N.D.I.A. गठबंधन से हार का भय है.

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