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ED attached the FD Crores of rupees were deposited in bank accounts at the time of demonetisation ANN


ED Attached FD: मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का एक्शन लगातार जारी है. डिमॉनेटाइजेशन के समय बैंक अकाउंट्स में बैंक अधिकारियों से मिलीभगत करके करोड़ों रुपये जमा करवाए थे. मामले में ईडी ने डेढ़ करोड़ रुपये की एफडी अटैच कर दी है.

ईडी की लखनऊ यूनिट ने कार्रवाई करते हुए नेतर सब्बरवाल और अन्य बैंक फ्रॉड केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में एमएस शिव ज्वैलर्स और एमएस जेएस ज्वेलर्स के मालिक मनमोहन अग्रवाल और मयूर अग्रवाल की करीब डेढ करोड रुपए की 2 एफडी अटैच की है.

कैसे शुरु हुई मामले की जांच?

एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने अपनी जांच सीबीआई की ग़ाज़ियाबाद यूनिट की दर्ज एफआईआर पर शुरू की थी. ईडी की जांच में सामने आया की डिमॉनेटाइजेशन के समय जेएंडके बैंक के अधिकारियों के साथ मिली भगत कर कुछ बैंक अकाउंट का गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया. बैंक अधिकारियों के साथ साजिश रच कर कई बैंक अकाउंट के अंदर भारी मात्रा में कैश जमा किया गया.

जांच में ईडी को क्या पता चला?

ईडी के मुताबिक बैंक अधिकारियों ने जानबूझकर उन बैंक अकाउंट में भारी कैश जमा करने की इजाजत दी. ईडी के मुताबिक बाद में पैसे को कई संदिग्ध ट्रांजैक्शंस के जरिए री रूट करके इसकी बेनिफिशियरी तक पहुंचा दिया गया. ईडी की जांच में सामने आया कि एमएस शिव ज्वैलर्स और एमएस जेएस ज्वैलर के मालिक मनमोहन अग्रवाल और मयूर अग्रवाल इस पैसे के बेनेफिशरी थे. एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने इन दोनों की दो एफडी जिसकी कीमत करीब डेढ करोड रुपए हैं उसे अटैच कर लिया है.

जब्त संपत्तियों में शिव ज्वैलर्स के मालिक मनमोहन की दो एफडी जो करीब 1.22 करोड़ रुपये और जेएस ज्वैलर्स के मालिक मयूर अग्रवाल की 30.76 लाख रुपये की संपत्ति शामिल है. इन दोनों के खिलाफ सीबीआई की एसीबी इकाई ने नोटबंद के दौरान बैंक अफसरों से मिलकर फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये की रकम का हेरफेर करने का मुकदमा दर्ज किया गया था.

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