EAM S Jaishankar said india left 26 11 Unanswered we answered pakistan through Uri Pulwama surgical strike
S Jaishankar On Pakistan: भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने हाल ही में एनडीटीवी के ‘इंडियन ऑफ द ईयर अवार्ड्स 2024’ कार्यक्रम में कहा कि भारत की सुरक्षा रणनीति और आतंकवाद से निपटने का दृष्टिकोण पहले से काफी बदल गया है. उन्होंने कहा कि तत्कालीन सरकार ने 2008 में मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमलों के बाद कोई ठोस जवाब नहीं दिया था, लेकिन अब, उरी और बालाकोट जैसी घटनाओं के बाद, भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक और एयरस्ट्राइक कर के पाकिस्तान को बता दिया है कि आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
जयशंकर ने कहा “आज का भारत सिर्फ आगे बढ़ना जानता है. हमने उरी और बालाकोट में पाकिस्तान को सटीक जवाब देकर अपनी रणनीति में बदलाव दिखाया है.” उन्होंने यह भी कहा कि आज का भारत न केवल आंतरिक विकास पर ध्यान दे रहा है, बल्कि अपनी सीमाओं और सुरक्षा के प्रति सजग है. भारत अब आतंकवाद के प्रति “मौजूदगी और प्रतिक्रिया” की नीति अपनाता है. जयशंकर ने स्पष्ट किया कि अब भारत एक ऐसा देश है जो अपने नागरिकों और सीमाओं की सुरक्षा के लिए निर्णायक कदम उठाने से पीछे नहीं हटता.
सर्जिकल स्ट्राइक 2016
18 सितंबर 2016 को, जम्मू और कश्मीर के उरी सेक्टर में स्थित भारतीय सेना के ब्रिगेड मुख्यालय पर आतंकवादियों ने हमला किया. इस हमले में 19 भारतीय जवान शहीद हुए. जांच में पता चला कि यह हमला पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद द्वारा किया गया था. जवाबी कार्रवाई में 28-29 सितंबर 2016 की रात को, भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा (LoC) पार करते हुए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी लॉन्च पैड्स पर सर्जिकल स्ट्राइक की और आतंकियों के ठिकानों और लॉन्चपैड्स को नष्ट किया.
बालाकोट हवाई हमला 2019
14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ, जिसमें 40 जवान शहीद हुए. इस हमले की जिम्मेदारी फिर से जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी. वहीं, जवाबी कार्रवाई में भारत ने 26 फरवरी 2019 को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े आतंकी प्रशिक्षण शिविर पर हवाई हमला किया.
26/11 की स्क्रिप्ट पाकिस्तान के 10 लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादियों ने बनाई थी, जिन्होंने मुंबई में ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, लियोपोल्ड कैफे, नरीमन हाउस, कामा अस्पताल और मेट्रो सिनेमा सहित प्रमुख स्थानों को निशाना बनाया था. तीन दिनों के आतंक में 20 सुरक्षाकर्मियों और 26 विदेशियों सहित 166 लोग मारे गए, जबकि 300 से अधिक घायल हुए थे.