During The First Visit Of Pakistan Prime Minister Kakar To China, Both The Countries Signed 20 Agreements – पाकिस्तान के प्रधानमंत्री काकड़ की पहली चीन यात्रा के दौरान दोनों देशों ने 20 करार पर किए हस्ताक्षर
इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर-उल-हक काकड़ की पहली चीन यात्रा के दौरान दोनों देशों ने ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ (बीआरआई) के तहत सहयोग बढ़ाने के लिए 20 समझौतों और सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किये हैं. शुक्रवार को एक संयुक्त बयान में यह जानकारी दी गई. काकड़ ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के आमंत्रण पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए तीसरे बेल्ट एंड रोड मंच में शरीक होने के वास्ते 16 से 20 अक्टूबर तक वहां की यात्रा की.
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काकड़ ने चीन में रूकने के दौरान राष्ट्रपति शी, प्रधानमंत्री ली कियांग और अन्य शीर्ष नेताओं से मुलाकात की. दोनों पक्षों ने स्वीकार किया कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) बीआरआई की एक महत्वपूर्ण परियोजना है. इसने अपनी शुरूआत के बाद से 10 वर्षों में सार्थक नतीजे दिये हैं और अब उच्च गुणवत्ता वाले विकास के नये चरण में प्रवेश कर गया है. भारत बीआरआई की आलोचना करता रहा है क्योंकि परियोजना में तथाकथित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) शामिल है जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजरता है.
संयुक्त बयान के अनुसार, यात्रा के दौरान, दोनों पक्षों ने 20 समझौतों और सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें बीआरआई, बुनियादी ढांचा, खनन, उद्योग, हरित और कम-कार्बन वाला विकास, स्वास्थ्य, अंतरिक्ष सहयोग, डिजिटल अर्थव्यवस्था, विकास सहयोग और चीन को कृषि उत्पाद का निर्यात शामिल है. बयान में कहा गया है कि पाकिस्तानी पक्ष ने चीनी पक्ष को जम्मू कश्मीर में स्थिति के बारे में भी जानकारी दी.
चीन और पाकिस्तान ने अपने-अपने मूल हितों और प्रमुख चिंताओं से संबंधित मुद्दों पर एक-दूसरे के लिए अपने समर्थन को दोहराया. साथ ही, पाकिस्तान ने ‘एक-चीन सिद्धांत’ के प्रति प्रतिबद्धता जताई और कहा कि ताइवान चीन के क्षेत्र का एक अविभाज्य हिस्सा है. बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान ने दक्षिण चीन सागर, हांगकांग, शिनजियांग और जिजांग से संबंधित मुद्दों पर भी चीन का दृढ़ता से समर्थन किया.
इसमें कहा गया है, ‘‘दोनों पक्षों ने ग्वादर को उच्च गुणवत्ता वाला बंदरगाह, क्षेत्रीय व्यापार केंद्र और संपर्क केंद्र बनाने का संकल्प दोहराया.” संयुक्त बयान में रक्षा क्षेत्र में चीन-पाकिस्तान के करीबी सहयोग का भी जिक्र किया गया.