Dumka Ambulance Employee Started Indefinite Strike For Salary Payment Ann
Dumka Ambulance Employee: झारखंड की दुमका में एंबुलेंस कर्मियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य सेवाओं पर संकट के बादल मंडराने लगे है. एंबुलेंस कर्मियों के मुताबिक सरकार के ढुलमुल रवैये के कारण पिछले पांच महीने से उनके वेतन (मानदेय) का भुगतान नहीं हुआ है. वहीं स्वास्थ्य विभाग ने जल्द ही इनके मानदेय का भुगतान करने का भरोसा जताया है. विभाग ने हड़ताल से स्वास्थ्य सेवा में किसी प्रकार का व्यवधान होने से इंकार किया है.
चिकित्सा जगत में एंबुलेंस एक महत्वपूर्ण कड़ी मानी जाती है. कोरोना काल एंबुलेंस सेवाओं ने स्वास्थ्य सेवाओं में महती भूमिका निभाई थी. दुमका में एंबुलेंस के कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से हड़कंप मच गया. एंबुलेंस कर्मियों का आरोप है कि सरकार द्वारा नियुक्त एजेंसियां एंबुलेंस कर्मियों के वेतन (मानदेय) का भुगतान नहीं कर रही हैं. पिछले पांच महीनों से उनका मानदेय नहीं मिलने से उन्हें भूखे मरने की नौबत आ गई है. एंबुलेंस कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर जिला उपायुक्त और सिविल सर्जन का दरवाजा खटखटाया है.
एंबुलेंस कर्मियों ने दी सरकार को ये चेतावनी
कर्मियों ने साफ तौर पर कहा है कि जब तक उनका मानदेय नहीं मिल जाता है, तब तक वह एंबुलेंस की सेवा नहीं देंगे. एंबुलेंस कर्मियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं. आम लोगों के मुताबिक सबसे बड़ी समस्या तब होगी जब किसी मरीज को गांव या घायल अवस्था में आपात स्वास्थ्य सेवा की आवश्यकता होगी.
कर्मियों को तीन माह का वेतन किया जा रहा रिलीज- जिला सिविल सर्जन
इस हड़ताल को लेकर जिले के सिविल सर्जन बच्चा प्रसाद सिंह ने कहा कि पिछले पांच माह से उनको मानदेय नहीं मिला है. मामला राज्य सरकार से जुड़ा है. हालांकि हमने उन कर्मियों के वेतन के लिए राज्य सरकार के एजेंसी से बात की है, वे फिलहाल तीन माह के मानदेय को रिलीज कर रहे हैं ऐसे में जल्द ही उनके मानदेय का भुगतान हो जायेगा और एंबुलेंस की चिकित्सा सेवा नहीं रुकेगी. इस बात का उन्होंने भरोसा जताया है.
एंबुलेंस कर्मियों को एग्रीमेंट कर मिलता है मानदेय
गौरतलब है कि दुमका जिले मे कुल 13 सरकारी एंबुलेंस है. जो सभी दस जिलों के दस एंबुलेंस लोगों की सेवा में 24 घंटे लगे रहते हैं. झारखण्ड सरकार इन एंबुलेंस कर्मियों को एक एजेंसी के जरीये पांच साल का एग्रीमेंट कर मानदेय देती है. एंबुलेंस कर्मियों का आरोप है कि पिछले दो साल से उन्हें अपने वेतन के लिए जूझना पड़ रहा है. उनका आरोप है कि जब वे अपनी वेतन की मांग के लिए आवाज बुलंद करते है, तो एजेंसी एक या दो महीने का वेतन देकर चुप करा देती है.
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