DU छात्रसंघ अध्यक्ष के कार्यालय में तोड़फोड़, NSUI पर हमले का आरोप
नई दिल्ली:
दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के छात्रसंघ अध्यक्ष तुषार डेढ़ा के कार्यालय में हुई तोड़फोड़ के बाद सियासत गर्म हो चुकी है. एबीवीपी ने इस हमले का आरोप एनएसयूआई पर लगाया है. वहीं, एनएसयूआई ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है. इसी बीच दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष तुषार डेढ़ा ने मौरिस नगर पुलिस स्टेशन के एसएचओ पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि गार्ड से कई बार बयान लिया जा चुका है. इसके बाद भी उन पर दबाव बनाया जा रहा है कि वो यह बयान दें कि घटना के वक्त छात्रसंघ उपाध्यक्ष अभि दहिया वहां नहीं थे. उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में एसएचओ गुंडा राज चला रहे हैं. इस दौरान तुषार डेढ़ा की एसीपी और एसएचओ से बहस भी हुई.
छात्रसंघ अध्यक्ष तुषार डेढ़ा ने आईएएनएस से कहा कि एनएसयूआई के लोगों ने शराब पीकर छात्रसंघ सचिव अपराजिता और संयुक्त सचिव सचिन बैसला के कमरे में घुसकर तोड़फोड़ की और फिर मेरे (अध्यक्ष) कमरे में तोड़फोड़ की. युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद की तस्वीर को भी तोड़ा गया है. इन लोगों ने पूरे ऑफिस को निशाना बनाने का काम किया.
आरोपियों के निष्कासन की मांग करेंगे : डेढ़ा
उन्होंने कहा कि छात्रसंघ चुनाव जीतने के बाद इन लोगों ने छात्रों के हित में कोई काम नहीं किया. वहीं, हम लोग छात्रों के हित में काम करते रहते हैं. उसी से चिढ़कर इन लोगों ने यह काम किया है. मैं एनएसयूआई को ‘नेशनल शराबी यूनियन ऑफ इंडिया’ घोषित करता हूं. हम लोग कुलपति से मुलाकात कर आरोपियों के निष्कासन और पुलिस कमिश्नर से सख्त कार्रवाई की मांग करेंगे.
अभि दहिया ने भी कार्यालय पर हमले का लगाया आरोप
इस पूरे मामले पर छात्रसंघ के उपाध्यक्ष अभि दहिया ने कहा कि शनिवार की रात एबीवीपी के कई सदस्यों ने दिल्ली विश्वविद्यालय में मेरे कार्यालय पर हमला किया. यह एबीवीपी का असली चेहरा है. उनकी प्रतिक्रिया तब आई जब मैंने एबीवीपी पदाधिकारी और डूसू अध्यक्ष की फर्जी डिग्री का खुलासा किया. मैं छात्रों की लड़ाई लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हूं और ईमानदारी के साथ खड़ा रहूंगा. एबीवीपी मुझे और एनएसयूआई को बदनाम करने की साजिश रच रही है. मैं इस साजिश का पर्दाफाश करूंगा.
फर्जी डिग्री मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश : चौधरी
वहीं इस घटना पर एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) दिल्ली विश्वविद्यालय में अपने पदाधिकारियों की फर्जी डिग्री के मुद्दे से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रही है. एबीवीपी की इस मनगढ़ंत कहानी के पीछे अपने पदाधिकारियों के कुकृत्यों से ध्यान हटाने का असफल प्रयास है.
उन्होंने कहा कि एबीवीपी को हिंसा फैलाने, शिक्षकों और छात्रों को धमकाने के लिए जाना जाता है. दिल्ली विश्वविद्यालय में एबीवीपी ने कई घटनाओं में प्रोफेसरों को पीटा और धमकाया है. वे कभी भी नीट, नेट, या एनटीए के मुद्दों पर बात नहीं करते हैं. इसके बजाय वे भाजपा सरकार के लिए एक सुरक्षा वाल्व के रूप में कार्य करते हैं. वहीं, एनएसयूआई सच्चाई, न्याय और पारदर्शिता के लिए प्रतिबद्ध है. चौधरी ने कहा, हम छात्रों की वास्तविक समस्याओं के समाधान में विश्वास करते हैं और ऐसा करना जारी रखेंगे.
उन्होंने कहा कि हम अधिकारियों से अनुरोध करते हैं कि वे डूसू में फर्जी डिग्री कांड की जांच करें और दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करें. छात्रों को ईमानदार प्रतिनिधि चाहिए, न कि फर्जी डिग्री और मार्कशीट वाले.
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