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DRDO Successfully Demonstrates Flight Trial Of Indigenous High Speed Flying Wing UAV


Indigenous High-Speed Flying-Wing UAV: रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार (15 दिसंबर) को कहा कि कर्नाटक के चित्रदुर्ग स्थित एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज से एक स्वदेशी हाई-स्पीड फ्लाइंग-विंग मानव रहित हवाई वाहन (UAV) का सफल उड़ान परीक्षण किया गया, जिसने भारत को ऐसे प्लेटफॉर्म का उत्पादन करने की तकनीक रखने वाले देशों के एक विशिष्ट क्लब में शामिल कर दिया. उड़ान परीक्षण का वीडियो भी सामने आया है.

इस मानव रहित हवाई वाहन (अनमैन्ड एरियल व्हीकल) को ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर बताया जा रहा है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट की ओर से डिजाइन और विकसित किया गया है. 

‘तकनीकी तत्परता के स्तर में परिपक्वता का प्रमाण’

मंत्रालय ने कहा कि इस ऑटोनॉमस स्टील्थ यूएवी का सफल उड़ान प्रदर्शन देश में तकनीकी तत्परता के स्तर में परिपक्वता का प्रमाण है. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि टेललेस कॉन्फिगरेशन में इस उड़ान के साथ भारत फ्लाइंग विंग तकनीक के नियंत्रण में महारत हासिल करने वाले देशों के विशिष्ट क्लब में शामिल हो गया है.

रक्षी मंत्री राजनाथ सिंह ने दी बधाई

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस प्रणाली के सफल उड़ान परीक्षण के लिए डीआरडीओ, सशस्त्र बलों और इंडस्ट्री को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि स्वदेशी रूप से ऐसी महत्वपूर्ण तकनीकों के सफल विकास से सशस्त्र बल और मजबूत होंगे.

मंत्रालय ने कहा कि इस विमान की पहली उड़ान का प्रदर्शन जुलाई 2022 में किया गया था, इसके बाद दो घरेलू निर्मित प्रोटोटाइप का इस्तेमाल करके विभिन्न विकासात्मक कॉन्फिगरेशन में छह उड़ान परीक्षण किए गए.

ये उपलब्धियां हुईं हासिल

रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया कि इन उड़ान परीक्षणों से मजबूत एयरोडायनेमिक और कंट्रोल सिस्टम, इंटीग्रेटेड रियल टाइम, हार्डवेयर-इन-लूप सिमुलेशन और अत्याधुनिक ग्राउंड कंट्रोल स्टेशनों के विकास में उपलब्धियां हासिल हुईं.

‘आत्मनिर्भरता का प्रदर्शन’

मंत्रालय ने कहा कि टीम ने आखिरी कॉन्फिगरेशन में सफल सातवीं उड़ान के लिए एवियोनिक सिस्टम, इंटीग्रेशन और फ्लाइट ऑपरेशन को ऑप्टिमाइज किया था. एक जटिल एरोहेड विंग प्लेटफॉर्म के साथ विमान प्रोटोटाइप को स्वदेशी रूप से विकसित हल्के कार्बन प्रीप्रेग मिश्रित सामग्री के साथ डिजाइन और निर्मित किया गया है. इसके अलावा मंत्रालय ने कहा कि हेल्थ मॉनिटरिंग के लिए फाइबर इंटेरोगेटर्स से युक्त समग्र संरचना एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी में ‘आत्मनिर्भरता’ का एक प्रदर्शन है.

यूएवी की ऑटोनॉमस लैंडिंग की अद्वितीय क्षमता का प्रदर्शन

बयान में कहा गया कि ग्राउंड रडार/इंफ्रास्ट्रक्चर/पायलट की जरूरत के बिना इस हाई-स्पीड यूएवी की ऑटोनॉमस लैंडिंग ने एक अद्वितीय क्षमता का प्रदर्शन किया, जिससे सर्वेक्षण किए गए निर्देशांक के साथ किसी भी रनवे से टेक-ऑफ और लैंडिंग संभव हो गया.

मंत्रालय ने कहा कि जीपीएस नेविगेशन की सटीकता और इंटेग्रिटी में सुधार के लिए जीपीएस-एडेड जीईओ को बढ़ाने वाले नेविगेशन (जीएजीएएन) रिसीवर का इस्तेमाल करके स्वदेशी सैटेलाइट आधारित संवर्द्धन के साथ ऑनबोर्ड सेंसर डेटा फ्यूजन का इस्तेमाल करना संभव था.

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