Donald trump takes major steps to build marine miniral reserves America vs china
America Vs China: अमेरिका और चीन के बीच का विवाद बढ़ता जा रहा है. अब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी में हैं. दरअसल, उनका प्लान है कि समुद्र की गहराई से धातुओं का भंडार बनाया जाए. यह भंडार खास खनिजों का होगा, जो बैटरी और आधुनिक तकनीक के लिए जरूरी हैं. ट्रंप ऐसा कर के चीन पर अमेरिका की निर्भरता को कम करना चाहते हैं.
दरअसल, चीन दुनिया में इन जरूरी खनिजों का सबसे बड़ा उत्पादक है. अमेरिका को डर है कि चीन ने इसकी सप्लाई रोक दी तो मुश्किल हो जाएगी. खासकर युद्ध या किसी बड़े संकट के समय में. इसलिए अमेरिका खुद ही ऐसा नियम बनाने जा रहा है, जिससे वह खुद ही इन धातुओं को जुटा सके.
पूरी प्लानिंग में डोनाल्ड ट्रंप
न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन एक कार्यकारी आदेश तैयार कर रहा है. इसका मकसद है कि प्रशांत महासागर के नीचे से जो धातुएं निकलेंगी, उनका एक बड़ा भंडार बनाया जाए. इससे अमेरिका को बाहर से इन चीजों को खरीदने की जरूरत कम पड़ेगी. इससे पहले भी ट्रंप प्रशासन ने इस दिशा में कोशिशें की थीं. उन्होंने यूक्रेन से खनिज खरीदने की बात की थी. ग्रीनलैंड को खरीदने का विचार भी रखा था और कनाडा के कुछ हिस्सों पर भी नजर थी.
क्यों ऐसा कदम उठा रहे ट्रंप?
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह नया भंडार इसलिए बनाया जा रहा है ताकि अगर चीन निर्यात रोक दे तो अमेरिका के पास जरूरी सामान मौजूद हों. ये कदम चीन के उस फैसले के बाद आया है, जिसमें उसने कुछ खास दुर्लभ पृथ्वी तत्वों के निर्यात पर रोक लगा दी है. ट्रंप के टैरिफ लगाने के जवाब में चीन ने ऐसा कदम उठाया है.
बहुत काम की हैं ये दुर्लभ धातु
बता दें कि ये दुर्लभ धातु बहुत काम के हैं. टेलीफोन से लेकर इलेक्ट्रिक गाड़ियां और सेना के हथियार तक सबमें इसका इस्तेमाल होता है. अभी चीन दुनिया में इनका लगभग 90% उत्पादन करता है. अमेरिका को मजबूर होकर इन सामानों को चीन से खरीदना पड़ता है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ट्रंप का यह आदेश गहरे समुद्र में खनन के लिए जल्दी मंजूरी देगा. साथ ही साथ अमेरिका में ही इन धातुओं को प्रोसेस करने की क्षमता बढ़ाने में मदद करेगा. हालांकि, इस पर अभी चीन के विदेश मंत्रालय या फिर वाइट हाउस की ओर से कोई बयान नहीं दिया गया है.
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